Pra visheshan aur kriya visheshan me difference
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विशेषण और क्रिया विशेषण में अंतर
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विशेषण और क्रिया विशेषण में अंतर
शुद्ध हिंदी के इस्तेमाल में व्याकरण की जानकारी सहायक है। पर देखा गया है कि कई लोग क्रिया और क्रिया-विशेषण जैसे मूल व्याकरण विषयों पर भ्रमित हो जाते हैं। यदि आप को भी इनमें कठिनाई महसूस होती है, तो यह लेख आपके लिए ही है। इसमें हम हिंदी व्याकरण में इस्तेमाल होने वाले विशेषण और क्रिया विशेषण के बारे में बताने जा रहे हैं –
विशेषण
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, यानी उसके गुण, दोष, संख्या, परिमाण आदि बताते हैं, उन्हें विशेषण कहा जाता है।
विशेष्य: विशेषण को समझने के लिए विशेष्य को समझना भी ज़रूरी है। यह वह संज्ञा या सर्वनाम शब्द है, जिसकी विशेषता बतायी जाती है।
जैसे – काला हिरन। यहां ‘काला’ शब्द हिरन की विशेषता बता रहा है। इसीलिए काला शब्द विशेषण है, और हिरन शब्द विशेष्य है।
विशेषण को मुख्यतः चार कोटियों में बांटा गया है –
गुणवाचक विशेषण
ऐसे विशेषण शब्द जो विशेष्य के गुणों की विशेषता दर्शाते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहा जाता है। गुण अर्थात किसी प्राणी या वस्तु का रूप, आकार, रंग, स्वभाव, अवस्था, आदि।
जैसे:
पुराना टेबल बेच देना।
चटपटी चटनी खानी चाहिए।
ठंडा पानी पीओ।
परिमाणवाचक विशेषण
वह विशेषण शब्द जो अपने विशेष्य की मात्रा या परिमाण का बोध कराता है, परिमाणवाचक विशेषण कहलाता है। इसका आशय वस्तु के वजन, नापतौल, आदि से है। यह दो तरह के होते हैं –
निश्चित परिमाणवाचक
जो विशेषण शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध कराते हैं, निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे –
शाम में पांच किलो आटा लाना है।
पेंट के लिए दो मीटर कपड़ा चाहिए।
अनिश्चित परिमाणवाचक
जिन विशेषण शब्दों के द्वारा संज्ञा या सर्वनाम (विशेष्य) के अनिश्चित परिमाण का बोध हो, वे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण होते हैं।
जैसे –
नहाने के लिए थोड़ा पानी निकाल दो।
हम बहुत दिनों बाद मिले रहे हैं।
संख्यावाचक विशेषण
ऐसे शब्द जो हमें किसी प्राणी, व्यक्ति या वस्तु की संख्या से सम्बन्धित विशेषता के बारे में बताते हैं, संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे:-
स्कूल में केवल पाँच अध्यापक हैं।
अभिषेक मैराथन दौड़ में प्रथम आया।
इन वाक्यों में पाँच और प्रथम संख्यावाचक विशेषण हैं।
सार्वनामिक विशेषण
ऐसे सर्वनाम शब्द जो अपने सार्वनामिक रूप में ही संज्ञा के विशेषण के रूप में जाने जाते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है। यह चार प्रकार के होते हैं –
संकेतवाचक या निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण
इसमें संकेतवाचक या निश्चयवाचक शब्दों का इस्तेमाल रहता है, जैसे यह, वह, इस, उस, आदि शब्द संकेतवाचक या निश्चयवाचक सर्वनाम हैं। जब ये शब्द संज्ञा शब्दों की विशेषता का बोध कराते हैं, तो निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे :
यह किताब आपको ज़रूर पढ़नी चाहिए।
क्या यह कलम आपकी है?
अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण
जब अनिश्चयवाचक सर्वनाम ‘कोई’ और ‘कुछ’ विशेषण के रूप में इस्तेमाल होते हैं, तो अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे :
क्या कोई अधिकारी आने वाला है?
मेरे कुछ रिश्तेदार आने वाले हैं।
प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण
जब प्रश्नवाचक सर्वनामों का प्रयोग विशेषण के रूप में होता है, तो वे प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। जैसे :
तुम्हें कौन–सी शर्ट पसंद है?
आपको किस डॉक्टर के पास जाना है?
सम्बन्धवाचक सार्वनामिक विशेषण
इसमें सम्बन्धवाचक सर्वनाम शब्दों का प्रयोग विशेषण के रूप में होता है। जैसे:
आपका भाई अभी तक घर नहीं पंहुचा है।
उसके पापा आने वाले हैं।
क्रिया विशेषण
जैसा नाम से विदित है, क्रिया-विशेषण शब्द ‘क्रिया’ शब्दों की विशेषता बताते हैं। यहाँ ध्यान दीजिए कि विशेषण शब्द सिर्फ ‘संज्ञा’ या ‘सर्वनाम’ शब्दों की विशेषता बता रहे थे।
रेलगाड़ी धीरे-धीरे गंतव्य की ओर बढ़ रही है।
इस वाक्य में ‘बढ़ रही है’ से गति, यानी क्रिया का बोध हो रहा है। वहीं ‘धीरे-धीरे’ इस गति की विशेषता बता रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि ‘धीरे-धीरे’ एक क्रिया-विशेषण है।
क्रिया-विशेषण के भी चार प्रकार हैं –
स्थानवाचक क्रिया विशेषण
इनसे क्रिया के होने के स्थान का पता चलता है।
जैसे – यहाँ, वहाँ, ऊपर, नीचे, सामने, पीछे, अन्दर, बाहर, कहाँ, जहाँ, इधर, उधर, जिधर, किधर।
उदाहरण – मीनू शाम में कहाँ जाती है?
कालवाचक क्रिया विशेषण
क्रिया के होने के समय (या काल) का बोध कराने वाले अविकारी शब्द कालवाचक क्रिया-विशेषण की श्रेणी में आते हैं।
जैसे – अभी, अभी-अभी, कभी, कभी-कभी, बार-बार, पहले, बाद, आज, कल, रोज, परसों, प्रतिदिन।
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
क्रिया के परिमाण (गिनती या भार) का निश्चित या अनिश्चित वर्णन करने वाले शब्द परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण होते हैं।
जैसे – थोड़ा, थोड़ा-थोड़ा, ज्यादा, कुछ, बहुत, पूरा, आधा, दर्जनभर, कितना, एक-एक करके, अधिक, अत्यधिक, रत्तीभर।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण
वैसे शब्द जो हमें किसी क्रिया की रीति का बोध कराते हैं, रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
जैसे – क्योंकि, अवश्य, अनिवार्य, इसलिए, मात्र, अतः, नहीं।
विशेषण और क्रिया विशेषण के बीच अंतर है-
Explanation:
विशेषण:- एक शब्द है, जो संज्ञा या सर्वनाम के अर्थ को योग्य बनाता है, जो इसे पूर्ववर्ती या सफल बनाता है। विशेषण प्रश्नों के उत्तर प्रदान करता है। जैसे - कितने, किस तरह, आदि।
उदहारण -
- वह एक बड़ा अलमीरा है।
- लड़के के छोटे हाथ हैं।
- प्रियंका ने गुलाबी रंग का गाउन पहना है।
क्रिया विशेषण:- एक शब्द है, एक क्रिया, विशेषण, पूर्वसर्ग या संयोजन को संशोधित करता है या उसका वर्णन करता है, जिसे वह पूर्ववर्ती या सफल बनाता है। क्रिया विशेषण प्रश्नो के उत्तर देंगे कि कैसे, कब, कहाँ, कितना, कितनी बार, किस हद तक आदि।
उदहारण -
- पिता जी को बिजली का बिल मासिक रूप से देना पड़ता है।
- आपको अपना पैसा समझदारी से निवेश करने की ज़रुरत है।
- वह असाधारण रूप से बुद्धिमान है।