Pradhan Aacharya ko pustakalaya Mein Hindi ki pustak mangwane Hetu Patra
Answers
Explanation:
सेवा में¸
प्रधानाचार्य
कृष्णा पब्लिक स्कूल¸
दिल्ली।
विषय – पुस्तकालय से पुस्तकें घर ले जाने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदया,
सविनय निवेदन यह है कि मैं कक्षा नौंवीं ‘क’ की छात्रा हूँ। मुझे पुस्तकालय से रसायनविज्ञान व भौतिकी की पुस्तकें एवं कुछ अन्य उपयोगी पुस्तकें चाहिए। मैं इन पुस्तकों को घर ले जाकर इनका गहन अध्ययन करना चाहती हूँ ताकि अगले माह होने वाली राष्ट्रीय विज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम आकर विद्यालय का नाम रौशन कर सकूँ। परंतु पुस्तकालय के अध्यक्ष किताबें देने से मना कर रहे हैं। यदि आप अनुमति दे देंगी तो मैं उन किताबों को अध्ययन हेतु घर ले जा सकती हूँ।
आपसे पुनः प्रार्थना करती हूँ कि आप मुझे पुस्तकालय से पुस्तकें घर ल जाने की अनुमति प्रदान करके मुझ पर कृपा करें।
धन्यवाद।
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या¸
कुसुम त्रिपाठी
कक्षा-9 ‘अ’
दिनांक.....
Answer:
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य महोदय,
कृष्णा मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल ,
पीएस मार्ग, दिल्ली।
विषय: हिंदी की अधिक पुस्तके, मँगवाने हेतु।
श्रीमान प्रधानाचार्य जी,
सबसे सम्मानपूर्वक सविनय नम्र निवेदन है कि मैं, प्रज्ञा मंजरी आपके विद्यालय के नौंवीं कक्षा की विद्यार्थिनी हूं। मैं आपको विनम्रता पूर्वक यह बताना चाहती हूँ कि मैं एक गरीब परिवार से सम्बन्ध रखती हूं। विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी कहानियों, कविताओं और ग्रंन्थ साहित्य की पुस्तकों का अभाव है। पर्याप्त किताबें न होने की वजह से हम विद्यार्थियों को पुस्तकालय की कक्षा में यूँही बैठे रहना पड़ता है। हिंदी पुस्तकों की बहुत कमी है। पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के लिए पुस्तकालय में एक भी किताबें उपलब्ध नहीं होतीं।
मुझे पुस्तकालय में हिंदी कहानियों और कविताओं की पुस्तकें एवं कुछ अन्य उपयोगी पुस्तकें चाहिए। मैं इन पुस्तकों को खरीद पाने का समर्थन मूल्य नहीं रखती ।
मैं इन पुस्तकों का गहन अध्ययन करना चाहती हूँ ताकि अगले माह होने वाली राष्ट्रीय हिंदी साहित्य प्रतियोगिता में प्रथम आकर विद्यालय का नाम रौशन कर सकूँ। पुस्तकालायाध्यक्ष ऐसी स्थिति में स्वयं को लाचार पाती हूं।
अतः आपसे विनम्र निवेदन करती हूं कि आप अति शीघ्र उपर्युक्त किताबें मँगवाने की कृपा करें। इन किताबों के अभाव में हम सभी विद्यार्थियों को न तो मनोरंजन हो पा रहा है न ही ज्ञानवर्धन। इस दयालुतापूर्ण कार्य के लिए मैं आपका बहुत आभारी रहूंगी।मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मैं आगे अपने विद्यालय का नाम रोशन करूंगी।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
आपकी आज्ञाकारी शिष्या
नाम – प्रज्ञा मंजरी
कक्षा – नौंवीं
दिनांक – 17/7/2022
धन्यवाद।
Explanation:
जब हम किसी विभाग के अधिकारी को पत्र के द्वारा किसी प्रसंग या कार्य के लिए अनुरोध करते हैं तो उस पत्र को प्रार्थना पत्र/अनुरोध पत्र( application) कहते है। इसे आवेदन पत्र भी कहा जाता है।
#SPJ2