pradhanachrya ko aarthik sayta hetu patra likhe
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सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाचार्य जी,
रा. सीनियर सैकेण्डरी विद्यालय,
सदर बाजार, जबलपुर।
श्रीमान् जी,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हैं। मेरे पिताजी का 3 साल पहले देहान्त हो गया था, जब हम छोटे-छोटे थे। माताजी ने बड़ी मेहनत से सिलाई का काम करके हमारा पालन-पोषण किया। अब माताजी का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता। वह बहुत कम ही धन जुटा पाती हैं। इससे घर का निर्वाह भी मश्किल से चलता है। इस आर्थिक कठिनाई के संकट के कारण पढ़ाई व लिखाई का मार्ग ठप पड़ सकता है। लेकिन मेरी रुचि पढ़ने की है। मैं एक अच्छा विद्यार्थी हूँ । अतः आपसे अनुरोध है कि मुझे विद्यालय की ओर से आप मुझे पुस्तकें व वर्दी दिलाकर मेरी आर्थिक सहायता करने की कृपा करें। मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा।
हार्दिक धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
सचिन चावला,
कक्षा दसवीं ‘बी’
दिनांक : 8 अगस्त, 1999
HOPE IT HELPS YOU.
PLEASE MARK ME AS BRANLIEST.