pradushan ke upar report kaise likhe
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प्रदूषण पर निबंध 5
प्रस्तावना
आज के समय में प्रदूषण एक बहुत बड़ी पर्यावरणीय समस्या बन गया है, इसके कारण मनुष्यों तथा पशुओं में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही है। औद्योगिकरण के कारण पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ा है और इसके कारण प्रदूषण भी काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है क्योंकि औद्योगिक गतिविधियों के कारण इससे उत्पन्न होने वाला कचरा प्रत्यक्ष रुप से भूमि, वायु और पानी में मिलता जा रहा है। फिर भी लोग प्रदूषण की इस समस्या और इसके प्रभावों के प्रति जागरुक नही हो रहे है। यह वह समय है जब हमें इस मुद्दे को लेकर संजीदा होने की आवश्यकता है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ीयों को इस तरह की समस्याओं का सामना ना करना पड़े।
प्रदूषण के प्रकार
प्रदूषण को उनके द्वारा प्रदूषित किये जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर बांटा गया है जैसे कि वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि। इसके अलावा भी कई अन्य तरह के भी प्रदूषण है, जो हमारे ग्रह और इसके जैव विविधता के लिए हानिकारक है।
प्रदूषण के कारण
लगातार कटते जा रहे पेड़, वाहनों के बढ़ते प्रयोग, तेजी से हो रहा शहरीकरण और औद्योगिकरण तथा दूसरे बड़े स्तर पर हो रहे कार्यों के कारण हमारे पर्यावरण पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। इन जहरीले और नुकसानदायक कचरों के कारण भूमि, वायु और जल में अपरीवर्तनीय परिवर्तन होते है, जिसके कारण हमारे समान्य जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। मनुष्य अपने स्वार्थ और इच्छाओं को पूरा करने के लिए पर्यावरण पर प्रदूषण का भार दिन-प्रतिदिन बढ़ाता ही जा रहा है।
निष्कर्ष
प्रदूषण के इस समस्या को रोकने के लिए हमें सार्वजनिक जागरुकता के कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए ताकि प्रदूषण की इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके। इसके साथ ही हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी बनती है कि प्रदूषण को रोकने के लिए वह अपने स्तर पर अपना महत्वपूर्ण योगदान दे, तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ीयों को प्रदूषण मुक्त माहौल दे पायेंगे।