Pradushan ki samasya par nibandh Hindi mein
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प्रदूषण पर बड़ा निबंध 7 (250 शब्द)
प्रस्तावना
जब बाहरी तत्व और विषैले पदार्थ पर्यावरण में मिल जाते है, तो यह प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न करते है। प्राकृतिक संसाधनों के प्रदूषण के कारण पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन भी बिगड़ गया है। प्रदूषण आज के समय में विश्व के हर देश के लिए एक चिंता का कारण बन गया है।
कारण
औद्योगिकरण, वनोन्मूलन, शहरीकरण आदि प्रदूषण के मुख्य कारण है। हमारी कई सारी दैनिक गतिविधियों से निकलने वाले कचरें के कारण भी इस समस्या में वृद्धि होती जा रही है। हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले प्रदूषकों में अधिकतर गैसे (एनओ, एसओ2, सीओ2, सीओ, एनओ2) हालोजन (आयोडिन, क्लोरीन, ब्रोमाइन) इकठ्ठा होने वाले तत्व (धुल, धुंध) कृषि रसायन (कीटनाशक) आदि होते है।
शोर शराबा, फोटोकेमिकल आक्सीडेंट (फोटोकेमिकल स्मोग, पेरोक्सोटिल नाइट्रेट, ओजोन, नाइट्रोजन, ऑक्साइड) औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाला (असेटिक एसिड, बेन्जीन, ईथर) और रेडियोएक्टिव तत्व (रेडियम, थोरियम) आदि ऐसे कुछ ठोस कचरे हैं, जिनका हमें सावधानीपूर्वक निस्तारण करने की आवश्यकता है।
प्रभाव
वायु, जल और भूमि प्रदूषण वह सबसे खतरनाक तरीके के प्रदूषण है जो मनुष्य के स्वास्थ्य को प्रत्यक्ष रुप से प्रभावित करते है। आज के समय में ना तो हमारे पास पीने का शुद्ध पानी है नाही सांस लेने के लिए स्वच्छ वायु और नाही फसल उगाने के लिए प्रदूषण मुक्त भूमि, औद्योगिक क्रांति और ग्रीन हाउस इफेक्ट के कारण हमारे पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न हो गये है। मानव स्वार्थ और आजादी के दुरुपयोग के कारण हमने प्राकृतिक संसाधनो का काफी दोहन किया है।
निष्कर्ष
अपने इस ग्रह पर हमें भविष्य में स्वस्थ जीवन को बनाये रखने के लिए इन तेजी से फैल रहे प्रदूषणों को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। अगर हम अपने आने वाली पीढ़ीयों के लिए एक अच्छा पर्यावरण चाहते है तो हमें इसके लिए कड़े कदम उठाते हुए प्रदूषण को रोकने की आवश्यकता है ताकि पृथ्वी को एक और अच्छी जगह बनायी जा सके।