Hindi, asked by webkiitggn, 3 months ago

prakarti par poem likhiye​

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Answered by JUSHI05
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Answer:

प्रकृति की लीला न्यारी,

कहीं बरसता पानी, बहती नदियां,

कहीं उफनता समंद्र है,

तो कहीं शांत सरोवर है।

प्रकृति का रूप अनोखा कभी,

कभी चलती साए-साए हवा,

तो कभी मौन हो जाती,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

कभी गगन नीला, लाल, पीला हो जाता है,

तो कभी काले-सफेद बादलों से घिर जाता है,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

कभी सूरज रोशनी से जग रोशन करता है,

तो कभी अंधियारी रात में चाँद तारे टिम टिमाते है,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

कभी सुखी धरा धूल उड़ती है,

तो कभी हरियाली की चादर ओढ़ लेती है,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

कहीं सूरज एक कोने में छुपता है,

तो दूसरे कोने से निकलकर चोंका देता है,

प्रकृति की लीला न्यारी है।

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