Science, asked by gautam2032, 10 months ago

Prakash Vidyut Prabhav ki Vyakhya Mein Prakash Ko kya Mana jata hai​

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Answered by govindspatel421
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Explanation:जब कोई पदार्थ (धातु एवं अधातु ठोस, द्रव एवं गैसें) किसी विद्युतचुम्बकीय विकिरण (जैसे एक्स-रे, दृष्य प्रकाश आदि) से उर्जा शोषित करने के बाद इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है तो इसे प्रकाश विद्युत प्रभाव (photoelectric effect) कहते हैं। इस क्रिया में जो इलेक्ट्रॉन निकलते हैं उन्हें "प्रकाश-इलेक्ट्रॉन" (photoelectrons) कहते हैं।

सन 1887 मे एच. हर्ट्स ने यह प्रयोग किया। इसमे कुछ धातुओ (जैसे-पोटैशियम,सीज़ियम,रूबीडियम आदि) की सतह पर उपयुक्त आवृति वाला प्रकाश डालने पर उसमे से इलेक्ट्रॉन निष्काषित होते है। इस परिघटना को प्रकाश विध्युत प्रभाव कहते है। इस प्रयोग से प्राप्त परिणाम इस प्रकार है -

(१) धातु की सतह से प्रकाशपुंज टकराते ही इलेक्ट्रॉन निष्काषित हो जाता है अर्थात प्रकाश पड़ने व इलेक्ट्रॉन निकलने मे कोई समय अंतराल नहीं होता है।

(२) निष्काषित इलेक्ट्रोनों की संख्या प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है।

(३) प्रत्येक धातु के लिए एक अभिलक्षणिक न्यूनतम आवृति होती है, जिसे देहली आवृति (threshold frequency) कहते है। देहली आवृति से कम आवृति पर प्रकाश विध्युत प्रभाव प्रदर्शित नही होता है। f ≥ fο आवृति पर निष्काषित इलेक्ट्रोनो की कुछ गतिज ऊर्जा होती है।

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