Hindi, asked by prabhjotkaur3934, 10 months ago

Prakriti Samay Ke anusar Chalti Hai spasht kijiye

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Answered by Anonymous
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प्रकृति समय के अनुसार चलती है |

यह बिलकुल सत्य कहा गया है , सब कुछ समय के अनुसार चलता है | समय किसी के लिए नहीं रुकता , एक बार जो निकल गया कभी वापिस नहीं आता | हवा प्रकृति का उपहार यही है जीवन का आधार , इस वाक्य में बहुत सच्चाई है प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है | यह हमारे जीने का सहारा है | प्रकृति ने विश्व में इन सब संसाधनों का संतुलन बना कर रखा है | सम्पूर्ण विश्व इस संसाधनों का सदुपयोग करता आ रहा है | इनके लिए हम प्रकृति के आभारी हैं | जहाँ पर इन संसाधनों की अधिकता है वहाँ के लोग उनको बेच कर अपना पालन पोषण कर रहे हैं | संपूर्ण विश्व को प्रकृति की ये देन किसी माँ द्वारा अपने बच्चे के लिए किए गए पालन पोषण के कम नहीं है| प्रकृति ने बादल, बारिश, पानी, हवा इत्यादि संसाधन विश्व को प्रचुर मात्रा में दिए हैं | हम प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करेंगे और उसका दुरुपयोग करेंगे तो समय के साथ सब नष्ट हो जाएगा और हमारा जीवन खतरे में पद जाएगा | प्रकृति के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते हैं कि ख़त्म हो रहे इन संसाधनों का उपयोग आवश्यकता अनुसार ही करें | आज ये स्थिति बन चुकी है कि इंधन जैसे पैट्रोल, डीजल, मिटटी का तेल का उपयोग हमारे द्वारा बहुत ही ज्यादा किया जा रहा है| कुछ ही सालों में यह संसाधन ख़त्म होने वाले हैं अतः: हमें इनके दुरुपयोग पर रोक लगाना बहुत ही जरूरी है |

आओ हम सब प्रण लें कि इन सब संसाधनों का दुरुपयोग नहीं करेंगे व अपनी माँ रूपी प्रकृति के रक्षा करेंगे |

Answered by nikunj6141
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Explanation:

प्रकृति समय के अनुसार चलती है |

यह बिलकुल सत्य कहा गया है  , सब कुछ समय के अनुसार चलता है | समय किसी के लिए नहीं रुकता , एक बार जो निकल गया कभी वापिस नहीं आता | हवा प्रकृति का उपहार यही है जीवन का आधार , इस वाक्य में बहुत सच्चाई है प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है | यह हमारे जीने का सहारा है |  प्रकृति ने विश्व में इन सब संसाधनों का संतुलन बना कर रखा है | सम्पूर्ण विश्व इस संसाधनों का सदुपयोग करता आ रहा है | इनके लिए हम प्रकृति के आभारी हैं | जहाँ पर इन संसाधनों की अधिकता है वहाँ के लोग उनको बेच कर अपना पालन पोषण कर रहे हैं | संपूर्ण विश्व को प्रकृति की ये देन किसी माँ द्वारा अपने बच्चे के लिए किए  गए पालन पोषण के कम नहीं है|  प्रकृति ने बादल, बारिश, पानी, हवा इत्यादि संसाधन विश्व को प्रचुर मात्रा में दिए हैं | हम प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करेंगे और उसका दुरुपयोग करेंगे तो समय के साथ सब नष्ट हो जाएगा और हमारा जीवन खतरे में पद जाएगा | प्रकृति के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते हैं कि ख़त्म हो रहे इन संसाधनों का उपयोग आवश्यकता अनुसार ही करें | आज ये स्थिति बन चुकी है कि इंधन जैसे पैट्रोल, डीजल, मिटटी का तेल का उपयोग हमारे द्वारा बहुत ही ज्यादा किया जा रहा है| कुछ ही सालों में यह संसाधन ख़त्म होने वाले हैं  अतः: हमें इनके दुरुपयोग पर रोक लगाना बहुत ही जरूरी है |  

आओ हम सब प्रण लें कि इन सब संसाधनों का दुरुपयोग नहीं करेंगे व अपनी माँ रूपी प्रकृति के रक्षा करेंगे  |

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