Environmental Sciences, asked by subhashgupta468889, 7 months ago

prakritik Sansadhan ke Sanrakshan Mein manushya ki Bhumika par Prakash daliye​

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Answered by rohitsaini165432
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Answer:

संसाधन वे होते हैं जो उपयोगी हों या फिर मनुष्य को अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिये उपयोगी बनाये जा सकते हो। ऐसे संसाधन जो उपयोग करने के लिये परोक्ष रूप से प्रकृति से प्राप्त होते हों, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं, जिनमें वायु, पानी जो वर्षा, झीलों, नदियों और कुओं द्वारा मृदा, भूमि, वन, जैवविविधता, खनिज, जीवाश्मीय ईंधन इत्यादि शामिल हैं। इस प्रकार प्राकृतिक संसाधन हमें पर्यावरण से प्राप्त होते हैं। जब मानव जनसंख्या (आबादी) कम थी और वे नियंत्रित एवं संयमित जीवन व्यतीत करते थे। तब संसाधनों का प्रयोग सीमित था। लेकिन बढ़ती जनसंख्या और आर्थिक प्रक्रियाओं के चलते अत्यधिक मात्रा में पदार्थों का उपयोग करने के कारण प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर भारी बोझ पड़ता है और इस कारण पर्यावरण गंभीर रूप से नष्ट होता जा रहा है।

मानव जनसंख्या में होती अत्यधिक वृद्धि के कारण वनोन्मूलन, आर्द्रभूमि (मैंग्रोव) का बह जाना और तटीय क्षेत्रों का सुधार करके अपने घर एवं फैक्ट्रियों को बनाने का बढ़ावा मिला। बहुत बड़ी मात्रा में जीवाश्म ईंधनों का प्रयोग उद्योगों एवं परिवहन के लिये किया जाता है। वनों का उन्मूलन जैवविविधता की हानि का कारण है जिससे भावी पीढ़ियों को जैवविविधता रूपी खजाने से वंचित होना पड़ेगा।

Answered by umeshpandeyngh
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jai hind jai bharat

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