Praksh rashayenik apghtn abhikiriyo me surye ke prakash ki bhumika kya hai?
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अपघटनीय अर्थात वियोजन अभिक्रिया का अर्थ होता है टूटना या नी विघटन होना।
प्रकाशीय वियोजन तथा अपघटनी अभिक्रिया में सूर्य के प्रकाश के कारण ही कोई भी रसायन टूटते है।
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