Sociology, asked by kanchangirdher, 10 months ago

prarambhik balyavastha dekhbhal aur Shiksha ka Karya syster ​

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Answered by Anonymous
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प्रत्येक बच्चे के पास उत्प्रेरणा, शिक्षा, खेल – कूद मनोरंजन और संस्कृतिक क्रियाकलापों के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और संवेदनात्मक विकास का अधिकार है ताकि वह अपने व्यक्तित्व का विकास अपनी सर्वोत्तम क्षमता के अनुरूप कर सके।

जैसे – जैसे बच्चों की आयु महीनों और वर्षों में बढ़ती जाती है, उनका विकास शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से होता है, उनमें समझने और सीखने की क्षमता (संज्ञात्मक कौशल) का विकास होने लगता है। हमारे बच्चों के विकास और उनकी संवृद्धि में विशेष रूप से विद्यालय पूरे की आयु से उपलब्ध कराए गए संपोषणीय परिवेश, बेहतर पोषण और उनके ज्ञान की पर्याप्त उत्प्रेरणा के माध्यम से और भी सुधार किया जा सकता है। इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण विद्यमान हैं कि विद्यालय में प्राप्त की गई अधिकांश प्रगति तीन वर्ष की आयु तक के बच्चों के संज्ञानात्मक और सामाजिक – भावनात्मक विकास पर निर्भर करती है।

हम बच्चों के पोषण स्वास्थय और शिक्षा पर जितना अधिक ध्यान देंगे उनका उतना ही अच्छा शारीरिक और मानसिक विकास होगा। आइए, बच्चों के विकास के प्रमुख पहलुओं और उनमें ग्राम पंचायत की भूमिका के बारे में जानें।

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