Hindi, asked by zaid6123, 8 months ago

Prasang vyakhya likhe: ओ नभ में मँडराते बादल बे-बरसे मत जा।
मन के होठों पर रस की बिसरी पहचान जगा
पुरवा की लहरों में सुख की आतुरता उमगा।
सूखे सुमनों को हरियाली का आभअस दिखा।​

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Answered by alisha14699
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