Hindi, asked by vanacharalasreeja, 5 months ago

prasann vyakti kabhi duk nahi hote is par apne vichar bataiye​

Answers

Answered by Anonymous
3

Answer:

मनुष्य खुद के दुख से नहीं बल्कि दूसरों के सुख को देखकर दुखी है। स्पर्धा तुम में भी लगी है। तुम्हारी स्पर्धा के विषय भौतिक पदार्थ हैं। अगर तुम्हारे पास स्कूटी है तो तुम चाहोगे कि मोटर साइकिल आ जाए। व्यक्ति के पास वस्तु है तो उसका सुख नहीं होता बल्कि पड़ोसी की वस्तु देखकर दुख होता है। इसी की पूर्ति में तुम दिन भर लगे रहते हो। यह विचार आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विद्यानंद सरस्वती ने जीवायएमसी मैदान में सोमवार को भागवत कथा सुनाते हुए व्यक्त किए।

STAY BLESSED ✨

Similar questions