Music, asked by MohitDewara8296, 6 hours ago

Prashano aur answer(3 दुःख ही जीवन की कथा रही क्या कहुं जो आज नहीं कही इस पथ पर मेरे कार्य सकल हो भ्रष्ट शीत के-से शतदल कन्ये गत कर्मों का अर्पण कर करता मैं तेरा तर्पण। क) ""दुःख ही जीवन की कथा रही"" कथन का क्या भाव है? ख) कवि मृत कन्या की तृप्ती के लिये क्या करना चाहता है? ग) कवि अपनी पीडा के विषय में क्यों कुछ नहीं कहना चाहता?​

Answers

Answered by surinder12345gho
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(क): कि जीवन में दुख ही दुख है।

(ख): not known

(ग):not known

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