pratahkal in Brahman ke Labh batate Hue chatrawas Mein Rehne wale Apne chote bhai ko Patra likhiye
Answers
Answer: 12, पालघर
74 लेन , छात्रावास
लखनऊ (उत्तरप्रदेश )
दिनांक - 04/05/19
Explanation:
प्रिय अनुज शिशिर
शुभ आशीष
तुम्हारा पत्र मिला । पढ़ कर खुशी हुई | यह जानकर चिंता भी हुई कि तुम रात्रि में अधिक देर तक पढ़ते रहते हो । इसकी वजह से तुम प्रात:काल भ्रमण के लिए नहीं जा पाते हो। यह उचित नहीं है
अनुज तुम अभी विद्यार्थी जीवन के दौऱ में हो । यह वह अवस्था है जिसमें अच्छी आदतों का संचय कर लिया जाए तो यह जीवन भर हमारे साथ चलती है। तुम प्रात:काल भ्रमण के लिए जाया करो । सुबह की सैर हमारे पूरे दिवस को ऊर्जावान बनाती हैं । सुबह के समय वातावरण में प्राणवायु अर्थात ऑक्सीजन का भरपूर संचालन होता है । यह हवा हमारे लिए सौ दवा का काम करती हैं ।
तुम्हारे छात्रावास के प्रांगण में घूमने के लिए विशाल बगीचा भी बना हुआ है | तुम सुबह-सुबह उस बगीचे में घूमकर या व्यायाम कर अपनी सेहत बना सकते हो | वहां फैली हरियाली तथा प्रात:कालीन प्राकृतिक दृश्य का आनंद उठा सकते हो | भोर की लालिमा तथा गौरेया आदि पक्षियों की चहचहाहट मन को अनूठा सुकून देती हैं । तंदुरुस्त रहने के लिए यह सैर बहुत कारगर है | अच्छी सेहत तुम्हें अभ्यास करने में सहायक होगी |आशा करता हूँ कि तुम मेरी सलाह मानोंगे |
तुम्हारा अग्रज
हिमांशु
Answer:
Explanation:
प्रात:काल भ्रमण के लाभ बताते हुए छोटे भाई को पत्र
परीक्षा भवन,
...............
1 नवंबर 2019
प्रिय भाई अनिल,
सस्नेह आशीष।
तुम्हारा पत्र मिला। तुमने लिखा है कि तुम्हारा स्वास्थ्य आजकल खराब रहता है। छात्रावास में बिल्कुल मन नहीं लगता है |
प्रिय अनुज! प्रात:काल की सैर तथा व्यायाम आवश्यक है, लेकिन एक तुम हो कि कभी प्रात:काल की सैर नहीं करते। प्रात:काल की सैर के बहुत लाभ होते हैं। जैसे- सुबह वातावरण साफ़ और प्रदुषण रहित होता है| प्रात:काल की सैर से शरीर के अंग प्रत्यंग में नए रक्त का संचार होता है। जल्दी-जल्दी सांस लेने के कारण फेफड़े खुलते हैं और उनमें ऑक्सीजन अधिक जाती है, जिससे रक्त शुद्ध होता है।
शरीर की त्वचा के रोम छिद्रों के रास्ते, शरीर में पसीने के रास्ते तथा शरीर के भीतर के विकार बाहर निकल जाते हैं। शरीर की हड्डियों तथा अंगों में लचक पैदा होने के कारण चुस्ती फुर्ती आती है। प्रात:काल की सैर तथा व्यायाम करने वाला व्यक्ति हमेशा खुश तथा स्वस्थ रहता है, इंद्रियां शुद्ध हो जाती हैं।
आशा है कि आप नियमित रूप से प्रात:काल की सैर और व्यायाम करेंगे और आपकी शारीरिक सारी समस्याएं तथा मानसिक समस्याएं अपने आप ही दूर हो जाएंगी।
तुम्हारा भाई,
अभियज्ञा ठाकुर