prathana thi su jivan MA badalav aave che
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ईश्वर सबके ह्रदय में है, सब जगह है, आपके चारों ओर है और आपमें भी है। वह जानता है कि आपके लिए सबसे उत्तम क्या है और जो आपको सबसे अच्छा लगता है वही देता है। ईश्वर से अपने दिल की बात कहना ही प्रार्थना है। इससे व्यक्ति अपने या दूसरों की इच्छापूर्ति का प्रयास करता है। इच्छा, साधना और प्रार्थना बिना ईश्वरीय अनुकम्पा के पूरी नहीं हो पाती। प्रार्थना सूक्ष्म स्तर पर काम करती है और इसकी वजह से प्रकृति में आपके अनुरूप बदलाव आते हैं।
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