Pratinidhi nahi to kar nahi ka nara sarvpratham kisne diya tha
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'Pratinidhi nahi to kar nahi' is naare ko sabse pehle America me diya gaya.
‘प्रतिनिधि नही तो कर नही’ इस नारे का प्रतिपादन अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुआ।
‘संयुक्त राज्य अमेरिका’ भी किसी समय ब्रिटेन का उपनिवेश था। अमेरिका में स्वतंत्रता का आंदोलन जोर पकड़ने लगा था।
ब्रिटेन ने अमेरिकी उपनिवेश में कई प्रकार के करों को लगा दिया था। ब्रिटेन की राजशाही का मत था कि उसकी ब्रिटिश संसद ब्रिटिश साम्राज्य की सर्वोच्च शक्ति है और अमेरिका चूंकि उसका उपनिवेश है इसलिये ब्रिटिश संसद अमेरिका में किसी भी तरह का कानून पास कर सकती है और कोई भी कर लगा सकती है।
पर अमेरिका में इसके विपरीत धारणा थी। अमेरिकियों का मानना था कि अमेरिका में किसी भी तरह की कर लगाने का अधिकार केवल अमेरिका की असेंबली को है, ब्रिटिश संसद को नही।
चूंकि ब्रिटिश संसद में अमेरिका का कोई प्रतिनिधि नही है इसलिये ब्रिटिश संसद द्वारा अमेरिका पर कोई कर लगाने का अधिकार नही बनता। इसका अधिकार केवल अमेरिका असेंबली को है जहां अमेरिका प्रतिनिधि बैठते हैं।
उसी काल के दौरान ब्रिटिश संसद द्वारा अमेरिका में अनेक तरह के आंतरिक कर लगाने कि विरोध के इस नारे का जन्म हुआ कि ‘प्रतिनिधि नही तो कर नही’।
Answer:
एडम स्मिथ ने कहा था कि pratinidhitwa नहीं तो कर नहीं