Pratispardha ke yug me samay ki mehtata
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आज का युग प्रतिस्पर्धा अर्थात कॉम्पिटिशन का युग है, आज के जमाने में प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है ।
ऐसे समय में हमे समय को नही भूलना चाहिए, हमे अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में टाइम ka महत्वपूर्ण स्थान है, इसलिए हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समय का सुव्यवस्थित तरीका अपनाकर अपने कार्यों को सफल बनाना चाहिए।।
समय उन्हें पतन की ओर धकेल देता है । अत: मनुष्य की सफलता और समय का सदुपयोग दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं प्रसिद्ध उक्ति है:
” का वर्षा जब कृषि सुखाने,
समय चूकि पुनि का पछिताने? ”
प्रतिस्पर्धा के आधुनिक युग में तो समय की महत्ता और भी बढ़ गई है । आज समय गँवाने का अर्थ है प्रगति की राह में स्वयं को पीछे धकेलना । प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि जो पल एक बार गुजर जाते हैं वे कभी भी वापिस नहीं लौटते ।
thanks ;)☺☺☺☺
ऐसे समय में हमे समय को नही भूलना चाहिए, हमे अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में टाइम ka महत्वपूर्ण स्थान है, इसलिए हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समय का सुव्यवस्थित तरीका अपनाकर अपने कार्यों को सफल बनाना चाहिए।।
समय उन्हें पतन की ओर धकेल देता है । अत: मनुष्य की सफलता और समय का सदुपयोग दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं प्रसिद्ध उक्ति है:
” का वर्षा जब कृषि सुखाने,
समय चूकि पुनि का पछिताने? ”
प्रतिस्पर्धा के आधुनिक युग में तो समय की महत्ता और भी बढ़ गई है । आज समय गँवाने का अर्थ है प्रगति की राह में स्वयं को पीछे धकेलना । प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि जो पल एक बार गुजर जाते हैं वे कभी भी वापिस नहीं लौटते ।
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