Hindi, asked by bushranoshad98992634, 9 months ago

pratyay Shabd daar
 {440}^{?}

Answers

Answered by Anonymous
9

प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – प्रति + अय। प्रति का अर्थ होता है ‘साथ में, पर बाद में" और अय का अर्थ होता है "चलने वाला", अत: प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला। जिन शब्दों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता वे किसी शब्द के पीछे लगकर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं।

प्रत्यय का अपना अर्थ नहीं होता और न ही इनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व होता है। प्रत्यय अविकारी शब्दांश होते हैं जो शब्दों के बाद में जोड़े जाते है।कभी कभी प्रत्यय लगाने से अर्थ में कोई बदलाव नहीं होता है। प्रत्यय लगने पर शब्द में संधि नहीं होती बल्कि अंतिम वर्ण में मिलने वाले प्रत्यय में स्वर की मात्रा लग जाएगी लेकिन व्यंजन होने पर वह यथावत रहता है।

जैसे :-

समाज + इक = सामाजिक

सुगंध +इत = सुगंधित

भूलना +अक्कड = भुलक्कड

मीठा +आस = मिठास

लोहा +आर = लुहार

नाटक +कार =नाटककार

बड़ा +आई = बडाई

टिक +आऊ = टिकाऊ

बिक +आऊ = बिकाऊ

होन +हार = होनहार

लेन +दार = लेनदार

घट + इया = घटिया

गाडी +वाला = गाड़ीवाला

सुत +अक्कड = सुतक्कड़

दया +लु = दयालु

Similar questions