pravartak ka chi bhumika
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pravartak arth paribhasha prakar karya;वह व्यक्ति जिसके मस्तिष्क मे कंपनी के निर्माण की विचारधारा सर्वप्रथम आती है, व्यापार संबंधी अनुसंधान करता है, किसी निश्चित योजना के अंतर्गत कंपनी का निर्माण करता है, आवश्यक सामग्री एकत्रित करता है और संचालन का भार उठाता है, 'प्रवर्तक' कहलाता है। यदि सच पूछा जाये तो कंपनी के निर्माण का दायित्व इसी के कंधों पर होता है।
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Explanation:
प्रवर्तक का अर्थ
pravartak arth paribhasha prakar karya;वह व्यक्ति जिसके मस्तिष्क मे कंपनी के निर्माण की विचारधारा सर्वप्रथम आती है, व्यापार संबंधी अनुसंधान करता है, किसी निश्चित योजना के अंतर्गत कंपनी का निर्माण करता है, आवश्यक सामग्री एकत्रित करता है और संचालन का भार उठाता है, 'प्रवर्तक' कहलाता है। यदि सच पूछा जाये तो कंपनी के निर्माण का दायित्व इसी के कंधों पर होता है।
अन्य शब्दों मे," प्रवर्तक उस व्यक्ति को कहते है, जो पूर्व-निश्चित उद्देश्यों के आधार पर कंपनी के निर्माण का दायित्व लेता है, अपने ऊपर समस्त जोखिम लेता है और अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाता है।
प्रवर्तक की परिभाषा (pravartak ki paribhasha)
न्यायाधीश काॅकबर्न के अनुसार," प्रवर्तक वह है, जो किसी विशेष उद्देश्य के लिए कंपनी का निर्माण करने, उसको संचालित करने तथा उक्त उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाता है।"
पामर के अनुसार," प्रवर्तक से तात्पर्य एक ऐसे व्यक्ति से है, जो कंपनी के निर्माण की योजना बनाता है, पार्षद सीमा नियम तथा पार्षद अन्तर्नियम तैयार करवाता है, उनका पंजीयन करवाता है और प्रथम संचालकों को चुनता है, प्रारम्भिक अनुबन्धो को तय करता है और यदि आवश्यकता हो तो विवरण-पत्रिका बनवाता है और उसे प्रकाशित करने का एवं पूंजी एकत्र करने का प्रबंध करता है।"
न्यायाधीश बोवेन के अनुसार," प्रवर्तक शब्द, सन्नियम का नही वरन् व्यवसाय का शब्द है। इस शब्द मे व्यावसायिक जगत से परिचित अनेक व्यावसायिक क्रियाओं का समावेश किया गया है, जिसके द्वारा कंपनी अस्तित्व मे लायी जाती है।"
लार्ड ब्लेकबर्न के अनुसार," प्रवर्तक शब्द उन व्यक्तियों को सम्बोधित करने का एक सूक्ष्म और सुविधाजनक ढंग है जो उस मशीन को चलाते है जिसके द्वारा अधिनियम उन्हें एक समामेलित कंपनी बनबाने के योग्य बना देता है।"
लार्ड एल. जे. लिण्डले के अनुसार," प्रवर्तक शब्द का कोई निश्चित अर्थ नही है। कंपनी के संबंध मे प्रवर्तक का अर्थ प्रभावपूर्ण क्रिया से होता है, जो कंपनी तैयाय करने, प्रारम्भ करने तथा प्रचलन मे लाने के लिये आवश्यक होता है।"
संक्षेप मे कहा जा सकता है कि प्रवर्तक व्यावसायिक अवसरों की खोज करता है। आवश्यक साधनों को जुटाता है एवं प्रारंभिक आवश्यक कार्यवाही को पूरा करके व्यवसाय को कंपनी का स्वरूप प्रदान करता है।