Hindi, asked by hanavtanamath, 1 year ago

Prayatna aur samay niyojan essay in hindi

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Answered by jayathakur3939
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समय नियोजन और प्रयत्न :-

समय एक बार जाकर वापिस तो क्या आना, कभी वापिस मुडक़र देखा भी नहीं करता। वह तो लगातार बिना किसी की परवाह किए बस भागा ही जा रहा है। तभी तो समय को ऐसा अमूल्य धन माना गया है, जो एक बार खाने के बाद दुबारा कभी भी प्राप्त नहीं किया जा सकता।

समय पर सारे काम करते रहने वाला वयक्ति न तो कभी असफल हुआ है और न उसे पछताना पड़ता है। उसके मन-मस्तिष्क पर कभी किसी प्रकार का बोझ पडक़र उसे तनावग्रस्त नहीं बनाता। जब तनाव नहीं, तो कहीं किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं। स्वस्थ व्यक्ति का मन-मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है और इस प्रकार समय का सदुपयोग करने वाले को सारा जीवन आनंदमय हो जाया करता है।

समय धन से भी जायदा कीमती है , क्यूंकी यादी धन खर्च कर दिया जाए तो उसे दोबारा प्रकट किया जा सकता है हा हालांकी, यदी एक बार समय को गवां दे तो वह लौट कर नहीं आता | एक कहावत है कि समय और ज्वार भाटा कभी किसी कि प्रतीक्षा नहीं करते हैं | यह बिल्कुल पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व की तेरह ही सत्य है |उसी तरहा यह कहावत भी बिल्कुल सत्य है | समय बिना किसी रूकावट के निरंतर चलता रहता है | यह कभी भी किसी की भी प्रतीक्षा नहीं करता |

हमें हर पल समय से नियमितता , निरंतरता और प्रतिबद्धता सिखनी चाहिए | यह बिना किसी अवरोध के नीरेंटर चलता रेहता है | हमें भी जीवन में वास्तविक सफलता प्राप्त करने के लिए समय के साथ कदम से कदम मिलकर चलना चाहिए |इसके बारे में सही कहा जाता है कि यदि हम समय बर्बाद करेंगे तो समय हमें और हमारे जीवन को बर्बाद कर देगा |   समय हम सभी के लिए अमूल्य है | हमें इसके प्रत्येक सैकंड का मूल्य समझना चाहिए और समय नियोजन करना चाहिए |

प्रयत्न

किसी लक्ष्य की पूर्ति की तरफ किए जाने वाले कार्य को प्रयत्न कहा जाता है।चीँटी जैसा छोटा जीव भी अपने से कई गुना भारी वस्तु को उठाने का प्रयत्न जरूर करता है।

हम आज किए  हुए प्रयत्न द्वारा कल अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।  काम का ढेर देखकर कभी घबराना नहीं चाहिए । मनुष्य काम करने के लिए ही जन्मा है। वह नहीं चाहेगा तो भी उसे काम करना ही पड़ेगा। जो कर्तव्य-कर्म करने में उत्साही है, वही दूसरों के लिए उपयोगी होने का सुख भोग सकता है।उद्यम में लक्ष्मी का वास है और आलस्य में अलक्ष्मी का। उद्यमी को देखकर कमनसीबी डरके भाग जाती है। उद्यम करने पर भी कभी ध्येय सिद्ध न हो तो भी उदास न हों, क्योंकि पुरुषार्थ अथवा प्रयत्न स्वयं ही एक बड़ी सिद्धि है।

हमें एक टाइम टेबल बनाना चाहिए और उसके मुताबिक ही काम करना चाहिए | जो लोग टाइम टेबल के हिसाब से काम करते  हैं वह समय का सदुपयोग करते हैं वो ही जीवन में  सफलता प्राप्त करते हैं  और अगर हम प्रयत्न करेंगे तो हम हर काम में सफलता प्राप्त  कर सकते हैं |

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