Prayer in Sanskrit with translation
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त्वमेव माता च पिता त्वमेव ।
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव ।
त्वमेव सर्वम् मम देव देव ॥
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1. सूर्य संवेदना पुष्पे:, दीप्ति कारुण्यगंधने|
लब्ध्वा शुभम् नववर्षेअस्मिन् कुर्यात्सर्वस्य मंगलम् ||
: जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, पुष्प देता है, संवेदना देता है और हमें दया भाव सिखाता है उसी तरह यह नव वर्ष हमें हर पल ज्ञान दे और हमारा हर दिन, हर पल मंगलमय हो |
2. शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपद:
शत्रुबुध्दिविनाशाय दीपजोतिर्नामोस्तुते
: ऐसे देवता को प्रणाम करती हूँ ,जो कल्याण करता है, रोग मुक्त रखता है, धन सम्पदा देता हैं , जो विपरीत बुध्दि का नाश करके मुझे सद मार्ग दिखाता हैं| ऐसी दीव्य ज्योति को मेरा परम नम: |
लब्ध्वा शुभम् नववर्षेअस्मिन् कुर्यात्सर्वस्य मंगलम् ||
: जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, पुष्प देता है, संवेदना देता है और हमें दया भाव सिखाता है उसी तरह यह नव वर्ष हमें हर पल ज्ञान दे और हमारा हर दिन, हर पल मंगलमय हो |
2. शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपद:
शत्रुबुध्दिविनाशाय दीपजोतिर्नामोस्तुते
: ऐसे देवता को प्रणाम करती हूँ ,जो कल्याण करता है, रोग मुक्त रखता है, धन सम्पदा देता हैं , जो विपरीत बुध्दि का नाश करके मुझे सद मार्ग दिखाता हैं| ऐसी दीव्य ज्योति को मेरा परम नम: |
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