Hindi, asked by jyotibharti2512, 1 month ago

prem me prmeshvar khani ki summery in hindi​

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Answered by eshpreetkour6
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Explanation:

मैं नित्य परमात्मा से यही विनती करता हूं कि वह मुझे जल्दी इस मृत्युलोक से उठा ले, मैं अब किस आशा पर जीऊं। मित्र—मूरत, ऐसा मत कहो। ... मित्र—परमात्मा की निष्काम भक्ति करने से अन्तःकरण शुद्ध होता है। जब सब काम परमेश्वर को अर्पण करके जीवन व्यतीत करोगे तो तुम्हें परमानंद पराप्त होगा।

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