Hindi, asked by Mesha2725, 10 months ago

prem vistar hai swarth sankuchan in hindi essay

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Answered by MotiSani
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ऐसा कहना बिल्कुल उचित होगा की प्रेम विस्तार है और स्वार्थ संकुचन है क्योंकि स्वार्थ केवल खुद के सुख और खुद की खुशियों को देखना होता है परंतु प्रेम के ज़रिए व्यक्ति ना केवल खुद को पहचानता है बल्कि आसपास के सभी लोगों के बारे में भी सोचता है।

प्रेम का एक मुख्य उद्देश्य होता है संसार को अपनाना खुले दिल से परंतु स्वार्थ में आदमी ऐसा नहीं करता। स्वार्थ में किसी भी व्यक्ति को खुद के अलावा कुछ नहीं दिखता परंतु प्रेम में व्यक्ति खुद की खुशियों को ज़रूर भूल सकता है परंतु वह जिनसे प्रेम करता है उनकी नहीं।

तो यह कहना सही होगा की एक स्वार्थी आदमी की दुनिया केवल उस तक ही सिमित रहती है और एक ऐसे व्यक्ति की दुनिया जो सबसे प्रेम करे, उसकी दुनिया की कोई सीमा नहीं क्योंकि वह बिना स्वार्थ के सबको अपनाने की शक्ति रखता है।

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