Hindi, asked by ManavSingh1774, 1 year ago

Premchand dwara nirmit kahani do belo ki atmakatha pashu Prem Ko darshati Hui kis prakar Manvi jivan Ko prerit Karti hai vistrit varnan kijiye

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Answered by shishir303
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प्रेमचंद द्वारा निर्मित कहानी ‘दो बैलों की कथा’ पशु प्रेम को दर्शाती हुई किस प्रकार मानवीय जीवन को प्रेरित करती है विस्तृत वर्णन कीजिए।

‘मुंशी प्रेमचंद’ द्वारा लिखित ’दो बैलों की कथा’ कहानी पशु प्रेम को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाती है।

इस कहानी के मुख्य पात्र दो बैल हैं, जिनके नाम हीरा और मोती हैं। इस कहानी में अनेक घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में आपस में बड़ा प्रेम था।

दोनों हमेशा साथ साथ ही रहते थे एक पल को भी एक दूसरे को नहीं छोड़ते थे। दोनों हमेशा साथ साथ खाना खाते। नांद में जब चारा डाल दिया जाता तो वह एक साथ ही नांद में चारा खाते। अगर एक बैल नांद से मुंह निकाल लेता तो दूसरा भी अपना मुँह नांद से निकाल लेता था। दिनभर के काम की थकान के बाद दोपहर या शाम को जब दोनों को खोला जाता तो वह दोनों एक दूसरे को चूम-चाट कर अपनी थकान मिटा लिया करते थे, अपना प्रेम प्रदर्शित करते थे। खेत में मटर खाते समय मोती बैल नामक बैल को पकड़ लिया गया तो हीरा भी वापस आ गया और दोनों साथ साथ बंदी बने। दोनों बैलों हल या गाड़ी में जोता जाता दोनों का प्रयास ये रहता कि उसके साथी पर कम बोझ पड़े। दोनों में हर एक सारा बोझ अपनी गर्दन पर ही लेने की कोशिश करता था।

यह घटना बताती है की दोनों बैलों में पशु होने के बावजूद भी आपस में कितना प्रेम था। यह पशु प्रेम का एक जीवंत उदाहरण था। दोनों बैल अपने मालिक के प्रति भी अत्यंत वफादार थे और मालिक द्वारा बेचे जाने के पश्चात भी वापस घर आ जाते। अपने मालिक को किसी कीमत पर  छोड़ना नहीं चाहते थे। उनका मालिक झूरी भी दोनों बैलों को अपने बच्चों की तरह स्नेह करता था। इससे किसान की सहृदयता का भी पता चलता है कि वह पशुओं के प्रति संवेदनशील होते हैं। किसान अपने पशुओं को अपने घर के सदस्य की तरह ही व्यवहार करते हैं।

कुल मिलाकर यह कहानी पशु का मानव के प्रति प्रेम और मानव का पशुओं के प्रति प्रेम को एक बेहतरीन तरीके से पेश करके मानव जीवन को प्रेरित करती है और हमें ये सीख देती है जब दो बैल पशु होकर ही इतने प्रेम से रह सकते हैं तो हम मानव आपस में प्रेम से क्यों नही रह सकते।

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