Hindi, asked by anshika350, 1 year ago

Premchand ki Kavita

Answers

Answered by kitti6
1

क़लम के जादूगर!

अच्छा है,

आज आप नहीं हो|

अगर होते,

तो, बहुत दुखी होते|

आप ने तो कहा था

कि, खलनायक तभी मरना चाहिए,

जब,

पाठक चीख चीख कर बोले,

मार – मार – मार इस कमीने को|

पर,

आज कल तो,

खलनायक क्या?

नायक-नायिकाओं को भी,

जब चाहे ,

तब,

मार दिया जाता है|

फिर जिंदा कर दिया जाता है|

और फिर मार दिया जाता है|

और फिर,

जनता से पूछने का नाटक होता है-

कि अब,

इसे मरा रखा जाए?

या जिंदा किया जाए?

सच,

आप की कमी,

सदा खलेगी –

हर उस इंसान को,

जिसे

मुहब्बत है,

साहित्य से,

सपनों से,

स्वप्नद्रष्टाओं,

समाज से,

पर समाज के तथाकथित सुधारकों से नहीं|

हे कलम के सिपाही,

आज के दिन

आपका सब से छोटा बालक,

आप के चरणों में

अपने श्रद्धा सुमन,

सादर समर्पित करता है |

Answered by MissTanya
7

♦️ PŘËMÇHÅÑĐ KĮ KÅVĮŤÅ ĮÑ HÏÑĐĮ___

सोच अलग व्यवहार अलग,

ज़ीने का अंदाज अलग

कुछ अलग है हम सब में,

फिर भी एक से दिखतें है

इस दुनिया के बज़ारो में,

अलग अलग दाम में बिकते है

साथी वो ही है साथ वो ही है,

फिर भी रोज़ बात अलग

कभी आँसू तो कभी मुस्कान अलग,

इस अलग अलग के फेर में,

ज़ीने के ज़्ज़बात अलग

वो ही मंदिर है तो वो ही ईश्वर है,

हर रोज़ पूजा का भाव अलग

ध्यान से देखो इस दुनिया में,

जगह जगह भगवान अलग

घट घट उसका वास है,

जगह जगह उसका नाम अलग

सब को उसने बनाया है

पर फिर भी हर इंसान अलग ।।।।।।।।।

-----by MUNSHI PREMCHAND

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MissTanya: tnx_sis ✌
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