premchand ki kisi kahani ka summary in 80-100 words
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ईदगाह
ईदगाह मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित गद्य रूप में एक कहानी है। इस लेख में आप मुंशी प्रेमचंद का संक्षिप्त जीवन परिचय, पाठ का सार तथा परीक्षा में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नों का अध्ययन कर सकेंगे।
ईदगाह कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित है , जिसमें एक बालक के इर्द-गिर्द पूरी घटना घूमती है। वह बालक अंत में बूढ़ी (दादी) स्त्री को भी अपने बालपन से बालक बना देता है।
इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद ने हामिद नाम के बालक के माध्यम से बाल मनोविज्ञान का सूक्ष्मता से लेख लिखा है। यह कहानी अंत तक रोचक और कौतूहल उत्पन्न करता है।
ईदगाह ( जीवन परिचय, पाठ का सार, एवं महत्वपूर्ण प्रश्न )
यह कहानी मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी है। सबसे पहले हम पढ़ेंगे उनका जीवन परिचय।
लेखक का जीवन परिचय
विधा – कहानी
कहानीकार – प्रेमचंद
जीवन परिचय – जन्म सन 1880 में वाराणसी जिले के लमही ग्राम में जन्म हुआ। मूल नाम धनपतराय था। प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी में हुई थी। असहयोग आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था। उर्दू में वह नवाबराय के नाम से लेखन कार्य किया करते थे।
सन् 1915 में पहली कहानी सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई। उन्होंने मुंबई टॉकीज में भी कहानी लेखन का कार्य किया था , किंतु वहां उन्हें वातावरण अनुकूल नहीं लगा। इसलिए वह कार्य छोड़ कर वापस अपने घर लौट आए थे। उनकी मृत्यु सन 1936 में हुई थी।
मुख्य रचनाएं –
कहानी संग्रह – मानसरोवर( आठ भाग ) , गुप्त धन (दो भाग )
उपन्यास- निर्मला , सेवासदन , प्रेमाश्रम , रंगभूमि , कर्मभूमि , गबन , गोदान
नाटक – कर्बला , संग्राम , प्रेम की वेदी
निबंध संग्रह – विविध प्रसंग (तीन खंडों में) कुछ विचार
संपादन कार्य – माधुरी , हंस , मर्यादा , जागरण
साहित्यिक विशेषताएं –
प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में जनसाधारण की वेदना तथा सामाजिक कुरीतियों का मार्मिक चित्रण किया है। उनकी कहानियां भारत की संस्कृति एवं ग्रामीण जीवन के विविध रंगों से सराबोर है।
भाषा शैली –
इनकी भाषा शैली सजीव मुहावरेदार तथा बोलचाल के निकट तत्सम और उर्दू शब्दों का सुंदर प्रयोग किया गया है।
शैली –
भावपूर्ण , वर्णनात्मक तथा संवादात्मक शैली का प्रयोग इन्होंने किया है।