prerena aur iccha shakti ek doosre ke poorak hai. kavita nar ho na nirash karo man ko ke aadhar par ise spasht kijiyein . please answer with brief explanation
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नर हो न निराश करो मन को कविता में कवि मैथलीशरण गुप्त जी कहते हैं कि मानव का जीवन पाकर कुछ काम करना चाहिए। अपने जीवन को व्यर्थ नहीं होने दो, अपने तन का उपयोग करो और अपना नाम करो। मानव जीवन पाकर मन को निराश मत होने दो।
Explanation:कवि कहते हैं कि जीवन में आए सुनहरे मौके को हाथ से नहीं चले जाने देना चाहिए। अपने काबिलियत एवं हुनर से खुद का लक्ष्य तथा रास्ता तय करना चाहिए।अगर हम अपने महत्व और व्यक्तित्व को पहचान कर कार्य करेंगे तो जीवन का वह सार तथा उस सच को ढूंढ पाएंगे जिस सच को हम कर्म के माध्यम से दूर रहे हैं। अर्थात सच्चे मन से कर्म करोगे तो वह सार कहांँ जा सकता है। कर्म के माध्यम से उस साल को तुम हासिल कर ही लोगे।
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