prerna kavita se maa ka mamatva bhav spasht kijiye
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प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि त्रिपुरारि जी द्वारा रचित 'प्रेरणा' कविता से ली गई हैं। प्रस्तुत त्रिवेणी में कवि ने माँ-बेटे के बीच के असीम प्रेम का वर्णन किया है। कवि कहता है कि घर से दूर आकर जब मैं अपनी माँ से बात करने के लिए फोन करता हूँ, तो मेरी माँ भावविभोर होकर बिना किसी कारण के रोने लगती है।
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