Prevention of cheating in school examination editorial in hindi
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वार्ता समाज
दैनिक समाचार पत्र
(सम्पादकीय : ०३-१०-२०१६ (03-10-2016)
स्कूल में नक़ल
विद्या पाने के
बहुत तरीके हैं | उन में से सब से अच्छे हैं ठीक तरह पढ़ाई, बड़ों का इज्जत करना, समाज पर गौरव, अनुशासन से शिक्षा सीखना| और बुरे तरीकों में एक है नक़ल करना| वो तो नकानूनन भी है |
कुछ विद्यार्थी विद्यालयों में शायद ठीक नहीं
सुनते या पढ़ते| लेकिन जब परीक्षाएं नजदीक आती हैं, तब वे बहुत घबरा जाते हैं | कुछ विद्यार्थी होमवर्क या असैनमेंट या छोटीसी परियोजना नहीं करते या कर पाते | शायद परवाह नहीं
करते | लेकिन अधिक से अधिक अंक पाना चाहते
हैं क्योंकि अंकों के आधार पर उत्तीर्ण होते हैं और नौकरी भी पाने के लिए
अच्छे अंक चाहिए होते हैं |
परीखाओं में नक़ल
करना बहुत खराब बात है | आज कल तो इन्टरनेट और कम्पुटर इस्तेमाल करके नक़ल करने वालों को पकद्सकते हैं | हर विद्यालय के
परीक्षा हाल (कमरा) में जहाँ पर परीक्षा हो रही हैं, केमेरे लगा सकते हैं| वे इतने महंगे नहीं हैं| और कुछ जिम्मेदार अफसर वे चित्र देख सकते , ताकि नक़ल हो तो तुरंत पकड़ लें|
ये भी हो सकता है कि हर जिले के विद्या
विभाग केंद्र में से ही, अफसर अपने कमरे में बैठे ही , उस जिले के विद्यालयों के परीक्षा हाल देख सकते हैं | इस से नक़ल करना बहुत कम हो
जायेगा | और निरीक्षण
करनेवाले स्क्वाड (समूह) पर बोझ हल्का होगा |
और विद्यालयों में
साल भर जो परीक्षा होती हैं, और होमवर्क, परियोजना होते हैं, in सब में भी नक़ल रोकना चाहिए| तब सब विद्यार्थी श्रम से ज्ञान सीखेगा (सीखेगी) और आदर्श
विद्यार्थी बनेंगे|
वे तभी पढ़ाई पर ध्यान देंगे और बेकार के क्काम नहीं करेंगे | समाज के लिए अच्छे काम कर
सकेंगे और अच्छे नागरिक बनकर अपने नौकरी निभाने की काबियात पाएंगे |