prirshram hi safalta ki kunji hai in hindi
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सुधा एक प्यारी लड़की थी जो हमेशा खुश रहती थी। उसके पड़ोस में एक लड़का रहता था जिसका नाम सचिन था। वह हमेशा उदास और थका हुआ रहता था। वह अपनी खिड़की के पास दिन भर बैठा रहता था। कभी उसके सिर में दर्द तो कभी पैरों में दर्द होता था।
सुधा हमेशा कुछ न कुछ करती रहती थी। लोग भी उसे प्यार करते थे क्योंकि वह स्वयं भी हंसती थी और लोगों को भी खुश करती थी। सचिन उसको देखकर सोचता था कि वह कितनी लकी है। एक दिन सुधा ने देखा कि सचिन खिड़की के पास बैठकर रो रहा था।
वह सचिन के घर गयी और उसे बाहर बुलाया। दोनों ने बाहर बगीचे में बैठकर बातें करीं। सचिन ने उसे अपना दुःख बताया। सुधा ने कहा कि खुश रहने के लिए अपने मन को किसी अच्छे काम में लगाना चाहिए। काम करने से व्यायाम होता है जिससे शरीर में स्फूर्ति आती है और हम स्वस्थ रहते हैं।
अगले दिन से सचिन उसके साथ काम करने लगा। उसका मन खुश हो गया और वह मस्त रहने लगा। साथ ही शरीर भी स्वस्थ हो गया और उसके सब दुःख दर्द गायब हो गए। उसके बाद वह बहुत परिश्रम करने लगा। उसको सब कामों में सफलता मिलने लगी और सब लोग उसकी प्रशंसा करने लगे। इस प्रकार उसको ज्ञात हुआ कि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।