Prithvi ki satah per sarvpratham pahunchne wali bhukamp Tarang haibk
wan
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भूकम्प के कारण अवमुक्त होने वाली ऊर्जा पृथ्वी के अन्दर चट्टानों के टूटने के स्थान से तरंगों के रूप में पृथ्वी की सतह की ओर बढ़ती है |
ठीक वैसे ही जैसे तालाब के शान्त पानी में कंकड़ फेंकने पर लहरों का वृत्ताकार विस्तार कंकड़ गिरने की जगह से चारों ओर होता है। भूकम्प में उत्पन्न होने वाली तरंगें मुख्यतः दो प्रकार की होती है |
प्राथमिक व द्वितीयक । इन तरंगों की गति व कम्पन के प्रारूप में भिन्नता होती है और भूकम्पमापी द्वारा दर्ज आंकड़ों में इन्हें अलग-अलग पहचाना जा सकता है।
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