prithvi raj Chauhan jivan parichay in Sanskrit
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पूरा नाम पृथ्वीराज चौहान
अन्य नाम राय पिथौरा
जन्म 1149 ई.
मृत्यु तिथि सं. 1248
पिता/माता राजा सोमेश्वर चौहान, कमलादेवी
पति/पत्नी संयोगिता
राज्य सीमा दिल्ली के आसपास का क्षेत्र और पूर्वी राजस्थान
शासन काल 1178 -1192 ई.
शा. अवधि 24 वर्ष
राज्याभिषेक 1169 ई. में 20 वर्ष की आयु में राज्याभिषेक हुआ।
युद्ध तराइन की लड़ाई
राजधानी अजमेर, दिल्ली
वंश चौहान वंश
संबंधित लेख चंदबरदाई, पृथ्वीराज रासो, मुहम्मद ग़ोरी
पृथ्वीराज चौहान अथवा 'पृथ्वीराज तृतीय' (जन्म- 1149 - मृत्यु- 1192 ई.) को 'राय पिथौरा' भी कहा जाता है। वह चौहान राजवंश का प्रसिद्ध राजा था। वह तोमर वंश के राजा अनंग पाल का दौहित्र (बेटी का बेटा) था और उसके बाद दिल्ली का राजा हुआ। उसके अधिकार में दिल्ली से लेकर अजमेर तक का विस्तृत भू-भाग था। पृथ्वीराज ने अपनी राजधानी दिल्ली का नव-निर्माण किया। उससे पहले तोमर नरेश ने एक गढ़ के निर्माण का शुभारंभ किया था, जिसे पृथ्वीराज ने विशाल रूप देकर पूरा किया। वह उसके नाम पर पिथौरागढ़ कहलाता है, और दिल्ली के पुराने क़िले के नाम से जीर्णावस्था में विद्यमान है।जब मुइज्जुद्दीन मुहम्मद मुल्तान और उच्छ पर अधिकार करने की चेष्टा कर रहा था, एक चौदह साल का लड़का, पृथ्वीराज अजमेर की गद्दी पर बैठा। पृथ्वीराज के बारे में कई कहानियाँ मशहूर हैं।
राजनीतिक नीति
पृथ्वीराज ने अपने समय के विदेशी आक्रमणकारी मुहम्मद गौरी को कई बार पराजित किया। युवा पृथ्वीराज ने आरम्भ से ही साम्राज्य विस्तार की नीति अपनाई। पहले अपने सगे-सम्बन्धियों के विरोध को समाप्त कर उसने राजस्थान के कई छोटे राज्यों को अपने क़ब्ज़े में कर लिया। फिर उसने बुंदेलखण्ड पर चढ़ाई की तथा महोबा के निकट एक युद्ध में चदेलों को पराजित किया। इसी युद्ध में प्रसिद्ध भाइयों, आल्हा और ऊदल ने महोबा को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। पृथ्वीराज ने उन्हें पराजित करने के बावजूद उनके राज्य को नहीं हड़पा। इसके बाद उसने गुजरात पर आक्रमण किया, पर गुजरात के शासक 'भीम द्वितीय' ने, जो पहले मुइज्जुद्दीन मुहम्मद को पराजित कर चुका था, पृथ्वीराज को मात दी। इस पराजय से बाध्य होकर पृथ्वीराज को पंजाब तथा गंगा घाटी की ओर मुड़ना पड़ा।
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