Priya Mitra par anuched lekhan
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Explanation:
मानव एक सामाजिक प्राणी है । सामाजिक प्राणी होने के नाते वह एकाकी जीवन यापन नहीं कर सकता । वह अपने आस-पास के लोगो से सदैव मेल-जोल रखने का प्रयास करता है । प्रत्येक मानव के जीवन में न जाने कितने लोग उसके सम्पर्क में आते हैं और उनके साथ व्यवहार व सहयोग का आदान-प्रदान भी करते हैं । परन्तु सम्पर्क में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से प्रेम नहीं हो सकता है ।
प्रेम तो केवल उन लोगों से होता है जिनके साथ उनके विचारों में समानता पाई जाती है । अधिकतर समान विचार, समान आयु, समान धन्धे के लोगों के साथ ही मित्रता होती है । इसी प्रकार मेरे भी उक्त दृष्टिकोण से कई मित्र है ।
कुछ हमारे आस-पास रहने वाले हम उम्र के लड़के है और कुछ हमारे साथ विद्यालय में पढ़ने वोचे मेरी तरह के छात्र हैं । इस प्रकार मेरे भी कई मित्र हैं । उनमे सलीम मेरा प्रिय मित्र है । वह मेरी कक्षा में पड़ता है । मैं हिन्दू हूँ और वह मुसलमान है, परन्तु हम दिल से दोनों एक जैसे है, कहा है ”एक प्राण द्विइ जात ।”
सच्चे मित्र की पहचान:
सलीम मेरा सच्चा मित्र है । जो गुण एक सच्चे मित्र के अन्दर पाये जाते हैं वे सारे गुण सलीम में विद्यमान हैं । सच्चे दिल से प्यार करना तो सच्चे मित्र की प्रथम पहचान है । एक सच्चा मित्र अपने मित्र से किसी बात को छिपाता नहीं है, उसके साथ दिखावा व चाटुकारिता नहीं करता है । विश्वास उनके प्रेम का परमाधार होता है ।
एक सच्चा मित्र मुँह सामने अवगुणों और परोक्ष में गुणो का प्रगटावा करता है । कभी भी मित्रता में छल-कपट नही करता है । मित्र के दुःख में दुःखी और मित्र के सुख में सुखी होता है । मित्र के दुखी को दूर करने के लिए अपने दुरके को भूल जाता है ।
मेरे प्रिय मित्र का परिचय:
मेरा प्रिय मित्र सलीम एक कुलीन परिवार का लड़का है । वह हमारी कालोनी में ही निवास करता है । उसके पिता जी एक राजकीय विद्यालय मे अध्यापक हैं । वे हिन्दी, अग्रेजी व उर्दू के प्रकाण्ड विद्वान हैं । वे प्राय: हमारे घर भी आते रहते हैं, क्योकि वे मेरे पिता जी के मित्र हैं । उसके पिताजी में एक सच्चे मित्र के सारे लक्षण विद्यमान हैं ।
उनका और हमारा परिवार एक दूसरे के साथ घुला-मिला हुआ है । उसके दो भाई व एक बहिन है । उसकी बहिन मुझको राखी के दिन राखी बाँधती है । वे सदैव हमारे सुख-दुःख में काम आते हैं । उसकी माता जी बड़ी सुशील नारी है । वे मुझे भी अपने पुत्र की तरह समझती हैं ।
मेरे मित्र की अभिरुचि:
मेरा मित्र सलीम कक्षा में प्रथम स्थान में उत्तीर्ण होता है । खेल-कूद में भी वह कई खेलों में जमकर भाग लेता है, परन्तु संगीत में उसकी विशेष रुचि है । वैसे वह सभी प्रकार के गीत गाता है लेकिन भारतीय शास्त्रीय सगीत में उसकी विशेष रुचि है । फिल्म के पुराने गीतों को वह पसन्द करता है । वह स्वयं वाइलिन अच्छा बजाता है ।
शास्त्रीय सगीत के राग-रागनियों को गाना व सुनना वह बहुत पसन्द करता है । वह चुस्त-बुद्धिमान बालक है । वह सफेद कपड़े पहनना अधिक पसन्द करता है । वह फैशन के रंग में बहने वाला लड़का नही है । वह सादा रहन-सहन व उच्च विचार में विश्वास रखता है । वह एक हँसमुख-मिलनसार बालक है ।
उसके मधुर व्यवहार के कारण उसको सभी लोग चाहते हैं । विद्यालय में अध्यापक भी उसको काफी प्यार करते हैं । विद्यालय के सास्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर वह धूम मचा देता है । उसके मधुर कण्ठ से कौन प्रभावित नही होता है ।
परस्पर व्यवहार:
हमारा और उनका परिवार हिन्दू-अन्तिम एकता का एक आदर्श प्रतीक है । हम एक दूसरे के त्यौहारों में खुल कर भाग लेते हैं । ईद के अवसर पर हम उनके घर बधाई देने जाते है । हम एक दूसरे के गले मिलते हैं । उनके घर में सेवई, मिठाई, पकवान आदि खाते हैं । इसी प्रकार उनका परिवार दीवाली के दिन हमें बधाई देने आता है ।
वे सभी हमारे परिवार की खुशियों में शामिल होते हैं । दीवाली के दिन सलीम मेरे साथ खूब पटाखे छोड़ता है, होली पर हमारे साथ रंग भी खेलता है । हमारे घर में जब कोई शुभ कार्य होता है वह उसमें भाग लेता है । पिछले वर्ष मेरी बहिन की शादी में वह कई दिनों से हर काम में हमारे साथ हाथ बँटाता रहा ।