Pryavrad main vanaya jeevo ki bhumika easay in hindi with
Answers
Answered by
0
वन्य जीवों का वनों से अटूट रिश्ता है। हो सकता है कि हम वनों को केवल वन ही मानते हों। हम समझते हों कि ये मात्र पेड़ ऊबड़-खाबड़ धरती, कंटीली झाड़ियाँ आदि ही तो हैं, जिसमें कोई क्रमबद्धता नहीं है। लेकिन हम भूल जाते हैं कि वनों में रहने वाले जीव, जन्तु और पक्षियों के लिये यही वन उनका घर हैं। वन का वातावरण वन्य प्राणियों के लिये उनका पारिवारिक परिवेश है। वन की धरती इन जीवों के लिये बिछौना और वृक्षों की छाया उनके लिये चादर है।
इन्हीं वनों में तरह-तरह के वन्य जीव रहते हैं, जिनका रूप, रंग आकार, उनकी जीवन शैली और स्वाभाव भिन्न-भिन्न हैं। वे आपस में लड़ते-झगड़ते भी हैं। लेकिन फिर भी वन्य जीव हमारे पर्यावरण की शोभा हैं। वन्य प्राणियों के बगैर वन सूने और अपूर्ण हैं उसी तरह वनों के बिना वन्य प्राणी बेघर हैं।
जीव-जन्तु और पक्षी हमें न्यनाभिराम और मन को मोह लेने वाले दृश्य तो देते ही हैं उसके साथ वातावरण में सुन्दरता बनाये रखने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शेर की दहाड़ वन के सूनेपन को तोड़ जीवंतता का आभास देती है। हाथी की मस्ती भरी चाल, हिरनों का कुलाचें भरना, खरगोश की धवल काया और फुर्ती, पक्षियों का कलरव और कोयल की मधुर कूक, मैना की बातें, पपीहे की चाहत, हमें एक अलग दुनिया में ले जाती है। हम अपने दुख-दर्द और तमाम मानसिक तनावों से मुक्त हो जाते हैं और हमें एक नैसर्गिक आनंद की अनुभूति होती है।
Similar questions