Purane log Aage Piche Sab Soch Le the beta prastut Kathak Mein dadi maa ka kya aashay hai part 2 question number 4
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Answer:
"पुराने लोग आगे पीछे सब सोच लेते थे" :-दादी ने ऐसा कहा क्योंकि पिछले जमाने के लोग बुध्दि के साथ मिलकर काम करते थे और उन्हें सब समझ होती थी । पुराने लोग पहले से ही अपने भविष्य के बारे में सोच लेते थे और अपने बच्चों की फिक्र में सब कुछ कर देते थे
Explanation:
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‘पुराने लोग सब आगा-पीछा सोच लेते थे, बेटा।’ दादी माँ के इस कथन से आशय ये था कि पुराने आने वाले किसी संकट पहले से ही लगा लेते थे। भविष्य में कोई मुसीबत आये तो उसका सामना कैसे किया जाये उसके लिये पुराने लोग पहले कुछ न कुछ तैयारी करके रखते थे। अर्थात पुराने लोग भविष्य में आने वाले किसी संकट का सामना करने के लिये पहले से ही कुछ तैयारी करके रखते थें, क्योंकि पुराने लोगों को आगे-पीछे की समझ थी। वो जानते थे कि समय हमेशा एक सा नही रहता। मुसीबत कभी भी आ सकती है, बेहतर यही है कि भविष्य में आने वाली किसी अनजानी मुसीबत से निपटने के लिये पहले से ही कुछ तैयारी कर ली जाये।
इस पाठ में लेखक के पिता और बड़े भाई किसी आर्थिक संकट में फँस गये और कहीं से उन्हे पैसे की मदद नही मिली तो ऐसे संकट की घड़ी में अपने सोने के कंगन उन्हे देते हुये ये बात कही थी कि उनके दादा जी ये निशानी इस संकट की घड़ी के लिये ही थी।
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