Pustako ka mahatva ka conclusion in hindi
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पुस्तकें : हमारी मित्र – पुस्तकें हमारी मित्र हैं | वे अपना अमृत-कोष सदा हम पर न्योछावर करने को तैयार रहती हैं | अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाने के साथ-साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं | बदले में वे हमसे कुछ नहीं लेतीं, न ही परेशान या बोर करती हैं | इससे अच्छा और कौन-सा साथी हो सकता है कि जो केवल कुछ देने का हकदार हो, लेने का नहीं |
पुस्तकें : प्रेरणा का स्त्रोत – पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं | उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान कर्म करने की भावना जागती है | महात्मा गाँधी को महान बनाने में गीता, टालस्टाय और थोरो का भरपूर योगदान था | भारत की आज़ादी का संग्राम लड़ने में पुस्तकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी | मैथलीशरण गुप्त की ‘भारत-भारती पढ़कर कितने ही नौजवानों ने आज़ादी के आदोंलन में भाग लिया था |
पुस्तकें : प्रेरणा का स्त्रोत – पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं | उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान कर्म करने की भावना जागती है | महात्मा गाँधी को महान बनाने में गीता, टालस्टाय और थोरो का भरपूर योगदान था | भारत की आज़ादी का संग्राम लड़ने में पुस्तकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी | मैथलीशरण गुप्त की ‘भारत-भारती पढ़कर कितने ही नौजवानों ने आज़ादी के आदोंलन में भाग लिया था |
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मनुष्य जीवन में हर किसी का अपना अलग महत्व होता है
प्राथमिक आवश्यकता के अलावा भी ऐसी अनेक अन्य आवश्यकताएं मानवी जीवन को सुखद बना देती है
मनुष्य अपने जीवन में शुरू से ही प्रगति कर चुका है अपने विकास के लिए पुस्तक को ज्ञान का स्रोत बना चुका है
पुस्तक जिसे हम सभी को ज्ञान प्राप्त होता है
प्राचीन समय में पुस्तकें आसानी से प्राप्त नहीं होती थी उस
समय पुस्तक की प्रिटिंग (Printing) करना आसान काम
नहीं था। उस वक्त ज्ञान का माध्यम केवल वाणी के द्वारा ही
किया जाता था। आज के आधुनिक युग में प्रिंटिंग का
आविष्कार होने से पुस्तकें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
हर विषय पर अब जानकारियां हर भाषा में पुस्तकों में
प्रकाशित होने लगी हैं।
पुस्तक का महत्व हम सभी जानते हैं क्योंकि पुस्तक ऐसा मित्र है जो कभी शिकायत नहीं करता
बिना किताबों के कमरा बिना आत्मा के शरीर के समान है.
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