pustako ka mahatva par essay for class 8
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पुस्तकें : हमारी मित्र – पुस्तकें हमारी मित्र हैं | वे अपना अमृत-कोष सदा हम पर न्योछावर करने को तैयार रहती हैं | अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाने के साथ-साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं | बदले में वे हमसे कुछ नहीं लेतीं, न ही परेशान या बोर करती हैं | इससे अच्छा और कौन-सा साथी हो सकता है कि जो केवल कुछ देने का हकदार हो, लेने का नहीं |
पुस्तकें : प्रेरणा का स्त्रोत – पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं | उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान कर्म करने की भावना जागती है | महात्मा गाँधी को महान बनाने में गीता, टालस्टाय और थोरो का भरपूर योगदान था | भारत की आज़ादी का संग्राम लड़ने में पुस्तकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी | मैथलीशरण गुप्त की ‘भारत-भारती पढ़कर कितने ही नौजवानों ने आज़ादी के आदोंलन में भाग लिया था |
hope it helps
पुस्तकें : प्रेरणा का स्त्रोत – पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं | उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान कर्म करने की भावना जागती है | महात्मा गाँधी को महान बनाने में गीता, टालस्टाय और थोरो का भरपूर योगदान था | भारत की आज़ादी का संग्राम लड़ने में पुस्तकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी | मैथलीशरण गुप्त की ‘भारत-भारती पढ़कर कितने ही नौजवानों ने आज़ादी के आदोंलन में भाग लिया था |
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ranjujee84:
yes really helpful
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पुस्तकें हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण रोल अदा करती हैं क्योंकि पुस्तकों से हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है। पुस्तकें हमारी अच्छी मित्र होती हैं एक पुस्तक जितना वफ़ादार और कोई नहीं होता है। एक पुस्तक ज्ञान तो हमें देती ही हैं इससे हमारा अच्छा ख़ासा मनोरंजन भी हो जाता है। इसीलिए पुस्तकों को हमारा मित्र कहना गलत नहीं होगा।
पुस्तकें (Books) तो प्रेरणा का भंडार होती हैं इन्हें पढ़कर ही हमें जीवन में महान कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। पुस्तक अपने विचारों और भावनाओं को दूसरों तक पहुंचाने का सबसे अच्छा साधन है।
प्राचीन समय में पुस्तकें आसानी से प्राप्त नहीं होती थी उस समय पुस्तक की प्रिटिंग (Printing) करना आसान काम नहीं था। उस वक्त ज्ञान का माध्यम केवल वाणी के द्वारा ही किया जाता था। आज के आधुनिक युग में प्रिंटिंग का आविष्कार होने से पुस्तकें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। हर विषय पर अब जानकारियां हर भाषा में पुस्तकों में प्रकाशित होने लगी हैं।
कुसंगति में रहने से तो अच्छा होता है के आप अकेले रहकर पुस्तक पढ़ें जिससे आपको गहरे ज्ञान की प्राप्ति होगी और कुसंगति में रहकर तो आपको बुरे विचार हासिल होंगे। पुस्तक पढने से आपके मन का अन्धकार खत्म होता है और आपके मन में प्रकाश का उजाला पैदा होता है और बदले में हमसे यह कुछ लेती भी नहीं।
पुस्तकें (Books) तो प्रेरणा का भंडार होती हैं इन्हें पढ़कर ही हमें जीवन में महान कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। पुस्तक अपने विचारों और भावनाओं को दूसरों तक पहुंचाने का सबसे अच्छा साधन है।
प्राचीन समय में पुस्तकें आसानी से प्राप्त नहीं होती थी उस समय पुस्तक की प्रिटिंग (Printing) करना आसान काम नहीं था। उस वक्त ज्ञान का माध्यम केवल वाणी के द्वारा ही किया जाता था। आज के आधुनिक युग में प्रिंटिंग का आविष्कार होने से पुस्तकें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। हर विषय पर अब जानकारियां हर भाषा में पुस्तकों में प्रकाशित होने लगी हैं।
कुसंगति में रहने से तो अच्छा होता है के आप अकेले रहकर पुस्तक पढ़ें जिससे आपको गहरे ज्ञान की प्राप्ति होगी और कुसंगति में रहकर तो आपको बुरे विचार हासिल होंगे। पुस्तक पढने से आपके मन का अन्धकार खत्म होता है और आपके मन में प्रकाश का उजाला पैदा होता है और बदले में हमसे यह कुछ लेती भी नहीं।
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