putra viyog ke dukh ka andaza lekhak ne kaise lagaya dukh ka adhikar class 9 cbse
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पुत्र वियोग के दुख का अंदाजा लेखक ने संभ्रांत महिला को याद करके लगाया। वह सोच रहा था कि कैसे वह महिला पुत्र वियोग के कारण अधाई मास तक पलंग से उठ भी न सकी थी और बार बार उसे मूर्छा आ जाती थी। एक तरफ ये बेचारी थी जो पुत्र का वियोग भी न कर सकती थी परंतु लोग उसे दिलासा देने की बजए उस पर ताने कस रहे थे।
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