Q.1 भारतीय साहित्यशास्त्र के विकास क्रम का परिचय देते हुए साहित्यशास्त्र के विकास की 5 अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।n
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Explanation:
भारतीय गणराज्य में 22 आधिकारिक मान्यता प्राप्त भाषाएँ है। वर्तमान समय में भारत में मुख्यतः दो साहित्यिक पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं, साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार। हिन्दी तथा कन्नड भाषाओं को आठ-आठ ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए गये हैं। बांग्ला और मलयालम को पाँच-पाँच, उड़िया को चार; गुजराती, मराठी, तेलुगु और उर्दू को तीन-तीन, तथा असमिया, तमिल को दो-दो और संस्कृत को एक ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया है
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भारतीय साहित्य दुनिया का सबसे पुराना और विशाल साहित्य है।
Explanation:
- जब वैदिक लोग (आर्य) भारत में आए, तो उन्होंने सिंधु सभ्यता को विस्थापित कर दिया। जैसे ही वे संस्कृत बोलते हैं, संस्कृत हिंदू धर्म की शास्त्रीय साहित्यिक भाषा बन गई।
- पहली सदी में उन्होंने तमिल साहित्य का विकास किया और 11वीं सदी में इस्लामी साहित्य का विकास हुआ और 12वीं सदी में उन्होंने हिंदी, बंगाली, असमिया और पंजाबी जैसी कई अलग-अलग भाषाओं में साहित्य विकसित किया।
- संस्कृत साहित्य को तीन कालों में विभाजित किया गया है। वैदिक काल, महाकाव्य काल, शास्त्रीय काल।
- वैदिक काल में वेद और उपनिषद शामिल हैं। महाकाव्य काल में महाभारत, भगवद गीता और रामायण शामिल हैं, और शास्त्रीय काल में कालिदास के गीत शामिल हैं।
- बंगाली साहित्य में मुख्य योगदान रवींद्रनाथ टैगोर का था।
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