Q.18 अलंकार पहचानिए (मैं सुकुमारी नाथ बन जोगु। तुमही उचित तप मो कह भोगू।)
O श्लेष अलंकार
O यमक अलंकार
O वक्रोक्ति अलंकार
O अनुप्रास अलंकार
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सही अलंकार है...
➲ O वक्रोक्ति अलंकार
व्याख्या ⦂
✎... ‘मैं सुकुमारी नाथ बन जोगु। तुमही उचित तप मो कह भोगू।’ इन पंक्तियों में ‘वक्रोक्ति अलंकार’ है।
‘वक्रोक्ति अलंकार’ उन पंक्तियों में प्रकट होता है, जहाँ कहने वाले का अभिप्राय कुछ और होता है लेकिन उन पंक्तियों का सुनने वाला श्रोता उसका कुछ अलग ही कल्पित या चमत्कारिक निकाल लेता है। वक्रोक्ति अलंकार में ये बातें होनी जरूरी हैं...
कहने वाले यानि वक्ता द्वारा दी गई उक्ति और उसके द्वारा प्रकट की गई उक्ति का अभिप्राय।
श्रोता द्वारा ग्रहण किया जाने वाला अर्थ और उसकी प्रकटीकरण।
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Explanation:
वाक्रोत्कि अलंकार........................
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