Q. 4. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए सेवक-धर्म में हनुमान जी से स्पर्धा करने वाली भक्तिन किसी अंजना की पुत्री न होकर एक अनामधन्या गोपालिका की कन्या है नाम हैलछमिन अर्थात् लक्ष्मी पर जैसे मेरे नाम की विशालता मेरे लिए दुर्वह है, वैसे ही लक्ष्मी की समृद्धि भक्तिन के कपाल की कुंचितरेखाओं में नहीं बँध सकी। वैसे तो जीवन में प्रायः सभी को अपने अपने नाम का विरोधाभास लेकर जीना पड़ता है; पर भक्तिन बहुत समझदार है, क्योंकि वह अपना समृद्धि सूख्क नाम किसी को बताती नहीं। केवल जब नौकरी की खोज में आई थी, तब ईमानदारी का परिचय देने के लिए उसने शेष इतिवृत्त के साथ यह भी बता दिया पर इस प्राथना के साथ कि मैं कभी नाम का उपयोग न करूँ।
(1) भक्तिन का वास्तविक नाम है
(a) लछमिन (b) सुकन्या (c) ऋद्धि (d) सिद्धि
(2) लेखिका के अनुसार सेवक धर्म में भक्तिन किससे स्पर्धा करती थी?
(a) राम से (b) लक्ष्मण से (c) हनुमान से (d) भरत से
(3) भक्तिन किसकी पुत्री थी?
(a) गोपालिका की (b) अनामधन्या (c) अंजना की (d) उपरोक्त किसी की नहीं।
(4) प्रायः सभी लोगों को जीना पड़ता है
(a) गुमनाम जीवन (b) अपने नाम का विरोधाभास लेकर (c) बदनाम जीवन (d) नाम के अनुरूप जीवन
(5) शेष इतिवृत' से अभिप्राय
(a) अनाम (b) संपूर्ण वर्णन (c) संपूर्ण जीवन (d) अभाव वाली जिंदगी
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1) लछमिन
2) हनुमान से
3) अंजना की
4) अपने नाम का विरोधाभास लेकर
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