Hindi, asked by sanayasiddique15, 7 months ago

Q.5 देवदारु की छाया में खड़े होने का अनुभव किसे
होता था?​

Answers

Answered by shishir303
2

देवदारु की छाया में खड़े होने का अनुभव चमक पाठ के लेखक को होता था।

‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ में फादर बुल्के एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनके सानिध्य में लेखक ‘सर्वेश्वर दयाल सक्सेना’  को ऐसा प्रतीत होता था कि जैसे वह देवदारु की वृक्ष की छाया के नीचे खड़ा है। देवदारु वृक्ष की छाया घनी होती है, जिसकी छाया के नीचे रास्ते की थकान से थके हुये पथिक को आराम मिलता है। लेखक को भी फादर बुल्के के पास आकर इसी तरह का इसी तरह की अनुभूति होती थी। उसे प्रतीत होता था कि वो देवदारु वृक्ष की छाया में खड़ा है। फादर बुल्के एक सज्जन व्यक्ति थे, जिन्होंने विदेशी होते हुए भी हिंदी भाषा की सेवा में अपना जीवन लगा दिया।

☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼

Similar questions