Q..इन दोनों
शलोकों का हदिी
में अरथ लखिएि
।
चन्दनं शीतलं लोके, चन्दनादपि चन्द्रमा।
चन्द्रचन्दनयोः मध्ये, शीतला साधु-संगतिः।।6।।
परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः, परोपकाराय वहन्ति नद्यः।
परोपकाराय दुहन्ति गावः, परोपकाराय इदं शरीरम्।।4।।
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shlok no 2 ka ans
Explanation:
वृक्ष परोपकार के लिए फल देते हैं नदियाँ परोपकार के लिए वहाँ है
गाय परोपकार के लिए दुध देती है यह शरीर भी परोपकार के लिए है
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yeh answer hai
Explanation:
1. चन्दनं शीतलं लोके,चन्दनादपि चन्द्रमाः !
चन्द्रचन्दनयोर्मध्ये शीतला साधुसंगतिः !!
:हिन्दी अर्थ
इस दुनिया में चन्दन को सबसे अधिक शीतल माना जाता है पर चन्द्रमा चन्दन से भी शीतल होती है लेकिन एक अच्छे दोस्त चन्द्रमा और चन्दन से शीतल होते है.
गुण-दोष की परवा नहीं होती ।
2. परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः परोपकाराय वहन्ति नद्यः ।
परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकारार्थ मिदं शरीरम् ॥
हिन्दी अर्थ:
परोपकार के लिए वृक्ष फल देते हैं, नदीयाँ परोपकार के लिए ही बहती हैं और गाय परोपकार के लिए दूध देती हैं, (अर्थात्) यह शरीर भी परोपकार के लिए ही है ।
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