Hindi, asked by priyadhingra1984, 7 months ago

Q निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तृत उत्तर लिखें 8 लगभग 40 से 50 शब्दों में
क) रहीम के दोहों से हमें क्या सीख मिलती है?
ख) कवि रहीम जी धरती के माध्यम से मनुष्य को क्या सीख देते हैं?
ग ) वृक्ष और सरोवर के उदाहरण दवारा रहीमदास जी हमें क्या संदेश दे रहे हैं?
घ)रहीमदास का कोई अन्य शिक्षाप्रद दोहा लिखिए।( 100 words ) plzzzz give the answer fast​

Answers

Answered by anitasingh30052
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Answer:

ख. दोहा:

“जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं। गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं।”

अर्थ:

रहीम अपने दोहें में कहते हैं कि किसी भी बड़े को छोटा कहने से बड़े का बड़प्पन कम नहीं होता, क्योंकि गिरिधर को कान्हा कहने से उनकी महिमा में कमी नहीं होती।

क्या सीख मिलती है:

रहीम दास जी के इस दोहे से माध्यम से हमें यह सीख मिलती है कि बड़प्पन नाम से नहीं बल्कि कामों से दिखता है। इसलिए किसी भी बड़े को छोटा कहने पर उसका बड़प्पन कम नहीं होता।

ग. वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं और सरोवर भी अपना पानी स्वयं नहीं पीती है। इसी तरह अच्छे और सज्जन व्यक्ति वो हैं जो दूसरों के कार्य के लिए संपत्ति को संचित करते हैं। दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय। जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होय॥

घ. रहिमन धागा प्रेम का, मत टोरो चटकाय। टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय”

अर्थ:

रहीम ने कहा कि प्यार का नाता नाजुक होता हैं, इसे तोड़ना उचित नहीं होता। अगर ये धागा एक बार टूट जाता हैं तो फिर इसे मिलाना मुश्किल होता हैं, और यदि मिल भी जाये तो टूटे हुए धागों के बीच गांठ पड़ जाती हैं।

क्या सीख मिलती है:

रहीम दास जी के इस दोहे से हमें यह सीख मिलती है कि हमें रिश्तों की कदर करनी चाहिए और एक-दूसरे के प्रति आदर-सम्मान का भाव रखना चाहिए क्योंकि अगर एक बार रिश्ता टूट जाता है तो फिर कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें यह जोड़ा नहीं जा सकता है।

Explanation:

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