Q - निम्नलिखित पद्यांश पढ़ कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
मैं
मजदूर, मुझे देवों की बस्ती से क्या?
अगणित बार धरा पर मैंने स्वर्ग बनाए।
अंबर में जितने तारे, उतने वर्षों से,
मेरे पुरखों ने धरती का रूप सँवारा ।
धरती को सुंदरतम करने की ममता में
बिता चुका है कई पीढ़ियाँ, वंश हमारा।
और आगे आने वाली सदियों में
मेरे वंशज धरती का उद्धार करेंगे।
इस प्यासी धरती के हित में ही लाया था
हिमगिरि चीर सुखद गंगा का निर्मल धारा।
मैंने रेगिस्तानों की रेती धो-धोकर
वंध्या धरती पर भी स्वर्णिम पुष्प खिलाए।
मैं मजदूर मुझे देवों की बस्ती से क्या ?
(क) धरती को कौन स्वर्ग बनाते है और कैसे? वर्णन करे।
(ख)
उन्होंने धरती को स्वर्ग बनाने के क्रम में क्या-क्या कार्य किए?
(ग) निर्मल शब्द से उपसर्ग और मूल शब्द अलग करके लिखें।
Answers
Answered by
0
Answer:
रेगिस्तान की रेती धोकर धरती पर पुष्प खिलाए
Answered by
0
Answer:
1. धरती को मजदूर स्वर्ग बनाते है , वह धरती की सुंदरता अपनी कलाकारियो से बदा देते हैं और धरती को स्वर्ग की भांती सुंदर बना देते हैं।
2. उन्होन हिमालय से गंगा की धारा बहाई है, रेगिस्तान की रेत पर भी फूल खिलाए हैं।
3. निर्मल में उपसर्ग निर् तथा मूल शब्द मल है।
HI! I AM MANSI, I HOPE THIS ANSWER WAS HELPFUL PLEASE VOTE IF YOU FOUNG IT HELPFUL :-)
THANK YOU...
Similar questions