q no 4 sanskrit panchvakyani likht for ashlesha only
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Answer:
Explanation:
मञ्जूषात: क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
निधेहि विधेहि जहीहि देहि भज चल कुरु
यथा-त्वं पुरत: चरणं निधेहि।
(क) त्वं विद्यालयं ——————–।
(ख) राष्ट्रे अनुरक्तिं ——————–।
(ग) मह्यं जलं ——————–।
(घ) मूढ! ——————– धनागमतृष्णाम्।
(ङ) ——————– गोविन्दम्।
(च) सततं ध्येयस्मरणं ——————– ।
Answer:
(क) त्वं विद्यालयं चल।
(ख) राष्ट्रे अनुरक्तिं विधेहि।
(ग) मह्यं जलं देहि।
(घ) मूढ! जहीहि धनागमतृष्णाम्।
(ङ) भज गोविन्दम्।
(च) सततं ध्येयस्मरणं कुरु।
Page No 26:
Question 4:
मञ्जूषात: अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
एव खलु तथा परित: पुरत: सदा विना
(क) विद्यालयस्य ——————– एकम् उद्यानम् अस्ति।
(ख) सत्यम् ——————– जयते।
(ग) किं भवान् स्नानं कृतवान् ——————– ?
(घ) स: यथा चिन्तयति ——————– आचरति।
(ङ) ग्रामं ——————– वृक्षा: सन्ति।
(च) विद्यां ——————– जीवनं वृथा।
(छ) ——————– भगवन्तं भज।
Answer:
(क) विद्यालयस्य पुरत: एकम् उद्यानम् अस्ति।
(ख) सत्यम् एव जयते।
(ग) किं भवान् स्नानं कृतवान् खलु?
(घ) स: यथा चिन्तयति तथा आचरति।
(ङ) ग्रामं परित: वृक्षा: सन्ति।
(च) विद्यां विना जीवनं वृथा।
(छ) सदा भगवन्तं भज।