Hindi, asked by micky653, 1 month ago

Q. Write the incomplete story in Hindi (With Moral At last).

Class 7 Hindi ​

Answers

Answered by bk7112667
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Answer:

शेर जंगल का राजा होता है। वह अपने जंगल में सब को डरा कर रहता है। शेर भयंकर और बलशाली होता है। एक दिन शहर का राजा जंगल में घूमने गया। शेर ने देखा राजा हाथी पर आसन लगा कर बैठा है। शेर के मन में भी हाथी पर आसन लगाकर बैठने का उपाय सुझा।  शेर ने जंगल के सभी जानवरों को बताया और आदेश दिया कि हाथी पर एक आसन लगाया जाए। बस क्या था झट से आसन लग गया। शेर उछलकर हाथी पर लगे आसन मैं जा बैठा। हाथी जैसे ही आगे की ओर चलता है , आसन हिल जाता है और शेर नीचे धड़ाम से गिर जाता है। शेर की टांग टूट गई शेर खड़ा होकर कहने लगा – ‘ पैदल चलना ही ठीक रहता है। ‘

नैतिक शिक्षा –

जिसका काम उसी को साजे , शेर ने आदमी की नक़ल करनी चाही और परिणाम गलत साबित हुआ।

Moral of this short hindi story –

Never leave your own personality. And also not try to copy anybody's indentey

 

पिंकी बहुत प्यारी लड़की है। पिंकी कक्षा दूसरी में पढ़ती है। एक दिन उसने अपनी किताब में रेलगाड़ी देखी।  उसे अपनी रेल – यात्रा याद आ गई , जो कुछ दिन पहले पापा – मम्मी के साथ की थी। पिंकी ने चौक उठाई और फिर क्या था , दीवार पर रेलगाड़ी का इंजन बना दिया। उसमें पहला डब्बा जुड़ गया , दूसरा डब्बा जुड़ गया , जुड़ते – जुड़ते कई सारे डिब्बे जुड़ गए। जब चौक खत्म हो गया पिंकी उठी उसने देखा कक्षा के आधी दीवार पर रेलगाड़ी बन चुकी थी। फिर क्या हुआ  – रेलगाड़ी दिल्ली गई  ,  मुंबई गई   ,   अमेरिका गई  ,  नानी के घर गई ,  और दादाजी के घर भी गई। 

 

नैतिक शिक्षा – बच्चों के मनोबल को बढ़ाइए कल के भविष्य का निर्माण आज से होने दे।

Moral of this short Hindi story – Boost the confidence of children because they are the future.

 

4. शरारती चूहा

( Hindi short stories with moral for kids )

गोलू के घर में एक शरारती चूहा आ गया। वह बहुत छोटा सा था मगर सारे घर में भागा चलता था। उसने गोलू की किताब भी कुतर डाली थी। कुछ कपड़े भी कुतर दिए थे। गोलू की मम्मी जो खाना बनाती और बिना ढके रख देती , वह चूहा उसे भी चट कर जाता था। चूहा खा – पीकर बड़ा हो गया था। एक दिन गोलू की मम्मी ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा। शरारती चूहे की नज़र बोतल पर पड़ गयी।  चूहा कई तरकीब लगाकर थक गया था , उसने शरबत पीना था।

चूहा बोतल पर चढ़ा किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो जाता है।  अब उसमें चूहा मुंह घुसाने की कोशिश करता है।  बोतल का मुंह छोटा था मुंह नहीं घुसता।  फिर चूहे को आइडिया आया उसने अपनी पूंछ बोतल में डाली। पूंछ  शरबत से गीली हो जाती है  उसे चाट – चाट कर  चूहे का पेट भर गया। अब वह गोलू के तकिए के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम से करने लगा।

नैतिक शिक्षा – मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।

Moral of this short hindi story – Hard work with smartness is the key to success. Always focus on smart work.

 

5. बिल्ली बच गई

( Hindi short stories with moral for kids )

 

ढोलू – मोलू दो भाई थे। दोनों खूब खेलते , पढ़ाई करते और कभी-कभी खूब लड़ाई भी करते थे।  एक दिन दोनों अपने घर के पीछे खेल रहे थे। वहां एक कमरे में बिल्ली के दो छोटे-छोटे बच्चे थे। बिल्ली की मां कहीं गई हुई थी , दोनों बच्चे अकेले थे।  उन्हें भूख लगी हुई थी इसलिए  खूब रो रहे थे। ढोलू – मोलू ने दोनों बिल्ली के बच्चों की आवाज सुनी और अपने दादाजी को बुला कर लाए।

दादा जी ने देखा दोनों बिल्ली के बच्चे भूखे थे। दादा जी ने उन दोनों बिल्ली के बच्चों को खाना खिलाया और एक एक कटोरी दूध पिलाई। अब बिल्ली की भूख शांत हो गई। वह दोनों आपस में खेलने लगे। इसे देखकर ढोलू – मोलू बोले बिल्ली बच गई दादाजी ने ढोलू – मोलू को शाबाशी दी।

नैतिक शिक्षा – दूसरों की भलाई करने से ख़ुशी मिलती है।

Moral of this short hindi story – Always try to help others. It will give real pleasure.

 

6. रितेश के तीन

रितेश का कक्षा तीसरी में पढ़ता था।  उसके पास तीन छोटे प्यारे प्यारे खरगोश थे।  रितेश अपने खरगोश को बहुत प्यार करता था। वह स्कूल जाने से पहले पाक से हरे-भरे कोमल घास लाकर अपने खरगोश को खिलाता था। और फिर स्कूल जाता था।  स्कूल से आकर भी उसके लिए घास लाता था।

एक  दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका , और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।

रितेश उदास हो गया रो-रोकर आंखें लाल हो गई। रितेश अब पार्क में बैठ कर रोने लगा। कुछ देर बाद वह देखता है कि उसके तीनों खरगोश घास खा रहे थे , और खेल रहे थे। रितेश को खुशी हुई और वह समझ गया कि इन को भूख लगी थी इसलिए यह पार्क में आए हैं। मुझे भूख लगती है तो मैं मां से खाना मांग लेता हूं। पर इनकी तो मैं भी नहीं है। उसे दुख भी हुआ और खरगोश को मिलने की खुशी हुई।

नैतिक शिक्षा –  जो दूसरों के दर्द को समझता है उसे दुःख छू भी नहीं पता।

Moral of this short hindi story – Understand the agony of others. You will never feel any sorrow.

 

7. दोस्त का महत्व

( Hindi short stories with moral for kids )

वेद गर्मी की छुट्टी में अपनी नानी के घर जाता है। वहां वेद को खूब मजा आता है , क्योंकि नानी के आम का बगीचा है। वहां वेद ढेर सारे आम खाता है और खेलता है। उसके पांच दोस्त भी हैं , पर उन्हें बेद आम नहीं खिलाता है।

एक  दिन की बात है , वेद को खेलते खेलते चोट लग गई। वेद के दोस्तों ने वेद  को उठाकर घर पहुंचाया और उसकी मम्मी से उसके चोट लगने की बात बताई , इस पर वेद को मालिश किया गया।

मम्मी ने उन दोस्तों को धन्यवाद किया और उन्हें ढेर सारे आम खिलाएं। वेद जब ठीक हुआ तो उसे दोस्त का महत्व समझ में आ गया था। अब वह उनके साथ खेलता और खूब आम खाता था।

 

नैतिक शिक्षा – दोस्त सुख – दुःख के साथी होते है। उनसे प्यार करना चाहिए कोई बात छुपाना नहीं चाहिए।

 

 

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