Q1) 'मां ने भोजन परोसा' में कारक है-
कर्म कारक
कर्ता कारक
संप्रदान कारक
करण कारक
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Q1) 'मां ने भोजन परोसा' में कारक है-
- कर्म कारक
- कर्ता कारक
- संप्रदान कारक
- करण कारक
मां ने भोजन परोसा
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से उसका संबंध किया से जाना जाए, उसे कारक कहते हैं|
शब्द के जिस रुप से कार्य करने वाले का बोध हो वह, कर्ता कारक कहालाते हैं|
(क) नानी ने कमरा साफ किया|
= (ने)
वाक्य में शब्द के जिस रुप पर क्रिया का फल पर है, उसे काम कारक करते हैं|
(क) कार्तिक ढोल बजा रहा है|
= (को)
करता जिस साधन या माध्यम से कार्य कार्य करता है, करण कारक कहते हैं|
(क) मामा जी कार से मुंबई गए|
= (से ,के दवारा)
करता जिस लिए कार्य करता है आधा अधूरा जिस कुछ देता है उसे वक्त करने वाला विभक्ति चिहन संप्रदान कारक कहालाते हैं|
(क) सेठ जी द्वारा गरीबों को कपड़े बांटे गए|
= (के लिए, को)
संज्ञा अथवा स्वर्ण नाम के जिस रुप से अलग होने, डरने, तुलना करने आदि भावों का पता चलता है, उसे अपादान कारक कहते हैं|
(क) गंगा नदी हिमालय से निकलती है|
= (से)
संज्ञा के जिस रुप से दो संज्ञा अथवा स्वर्णा मौके पर सपा संबंध का पता चले, उसे संबंध कारक कहते हैं|
(क) आज नीतू के भाई का जन्मदिन है|
= (का , की , के ; रा , रे )
संज्ञा के जिस रुप से क्रिया का आधार समय और स्थान आदि का पता चलता है, उसे अधिकरण कारक करते हैं|
(क) अध्यापिका कक्षा में पढ़ा रही है|
= (मे , पर)
गिल संज्ञा शब्दों का प्रयोग किसी को बुलाने है या पुकारने के लिए किया जाता है, उन्हें संबोधन कारक कहते हैं|
(क) अरे ! यह कौन सी कहानी है|
= (हे , अरे)