Q1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़ते हुए दिए गए प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दें? (5x2%3D10)
गुरु द्रोणाचार्य कौरवों और पांडवों को धनुर्विद्या सिखाते थे। उन्होंने थोड़े ही दिनों में देख लिया था कि
अर्जुन के मुकाबले इस विद्या को कोई नहीं सीख सकता| अर्जुन बचपन से ही बड़े चतुर और
चुस्त
थे
उन्होंने धनुष चलाने की विद्या सीखना बहुत अच्छा लगता था। गुरु द्रोणाचार्य भी ऐसे शिष्य को पाकर
प्रश्न थे।
जब बहुत
दिन बीत गए तो 1 दिन गुरु द्रोणाचार्य ने अपने शिष्यों को परीक्षा लेने का निश्चय किया अपने
सब शिष्यों को लेकर वह जंगल में घूमते घूमते दुराचार एक जगह रुक गए उन्होंने पेड़ पर बैठी चिड़िया की
ओर इशारा करते
कहा "इसे तीर मारकर किराना है लेकिन तीर चिड़िया की आंख में लगना चाहिए।
इसके बाद उन्होंने एक-एक करके सभी शिष्यों को बुलाया|वे उनसे पूछते तुम क्या देख रहे हो?" कोई कहता
"चिड़िया पेड़ ,पत्तियां कोई कहता चिड़िया का पंख,सिर,पेड़ की डाल |सभी शिष्यों ने ऐसे उत्तर दिए कि,
गुरु द्रोणाचार्य ने उन्हें तीर नहीं चलाने दिया जब अर्जुन की बारी आई अर्जुन ने निशाना लगाया गुरु
द्रोणाचार्य ने पूछा अर्जुन क्या देख रहे हो तो अर्जुन ने कहा गुरुवर मुझे सिर्फ चिड़िया की आंख दिखाई दे
रही है बिल्कुल ठीक तीर छोड़ दो गुरुजी ने कहा अर्जुन ने तीर छोड़ दिया और निशाना बिल्कुल ठीक लगा
अर्जुन विजेता घोषित किया गय|
1. कौरवों और पांडवों को धनुर्विद्या कौन सिखाता था?
2. कौन बचपन से ही
चतुर
और
चुस्तथा?
3. गुरु द्रोणाचार्य शिष्य के रूप में किसे पाकर बहुत खुशथे?
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